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पितृपक्ष में ब्राह्मण को भोजन कराने से क्या होता है? यहां जानिए नियम और सही विधि

Pitru Paksha 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृपक्ष की शुरुआत प्रत्येक वर्ष भाद्रपद की पूर्णिमा से हो जाती है और इसकी समाप्ति आश्विन माह की अमावस्या तिथि होती है। पितृपक्ष पूरे 15 दिनों का होता है। इसमें पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर 2023 से […]

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Sep 24, 2023 21:26
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Pitru Paksha 2023
Pitru Paksha 2023

Pitru Paksha 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृपक्ष की शुरुआत प्रत्येक वर्ष भाद्रपद की पूर्णिमा से हो जाती है और इसकी समाप्ति आश्विन माह की अमावस्या तिथि होती है। पितृपक्ष पूरे 15 दिनों का होता है। इसमें पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर 2023 से लेकर 14 अक्टूबर तक रहेगा। पितृपक्ष में श्राद्ध के दौरान ब्राह्मण को भोजन कराने के लिए निमंत्रण दिया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को क्यों भोजन कराया जाता है। अगर नहीं तो आज इस खबर में जानेंगे, आखिरकार पितृ पक्ष में ब्राह्मण को भोजन क्यों कराया जाता है। इसके साथ ही ब्राह्मण को भोजन कराने का नियम क्या होता है। आइए विस्तार से जानते हैं।

पितृपक्ष में क्यों कराना चाहिए ब्राह्मण को भोजन

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराने से पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं। शास्त्र के अनुसार, ब्राह्मण को भोजन कराने से पितरों को भोजन आसानी से पहुंच जाती है। पितृपक्ष के दौरान ब्राह्मणों को भोजन कराने से घर में पितृ दोष खत्म हो जाती है। इसके साथ ही जातक पर पितरों की कृपा हमेशा बनी रहती है।

पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराने का नियम

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृपक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद ही जरूरी होता है। ऐसी मान्यता है कि अगर ब्राह्मणों को भोजन कराते समय इन बातों का ध्यान रखा जाए, तो इससे पितर देव नाराज हो जाते हैं। इसके साथ ही घर में तरह-तरह की समस्याएं होने लगती है। तो आइए ब्राह्मणों को भोजन कराते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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  • ब्राह्मण घर के आस पास का होना चाहिए
  • पूर्वजों की मनपसंद भोजन बनाएं
  • ब्राह्मणों को भोजन कराने का समय दोपहर का होना चाहिए।
  • श्राद्ध भोजन कराते समय ब्राह्मणों का मुख दक्षिण दिशा की ओर होनी चाहिए।
  • शास्त्र के अनुसार, भोजन कराते समय पित्तल, चांदी, और कांसे बर्तन का प्रयोग करें।
  • ऐसी मान्यता है कि ब्राह्मणों को भोजन कराते समय लोहे का बर्तन या किचन में इस्तेमाल बर्तन का प्रयोग न करें।
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ब्राह्मणों को भोजन कराते समय मौन धारण करना चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

 

First published on: Sep 24, 2023 03:20 PM

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