Navratri: सनातन धर्म में नवरात्रि को शक्ति पर्व माना जाता है। इस समय मां भगवती आद्यशक्ति के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। उनसे शक्ति तथा सामर्थ्य का वरदान मांगा जाता है। वर्ष में कुल चार नवरात्रि आती है जिनमें दो चैत्र नवरात्रि एवं शारदीय नवरात्रि प्रमुख हैं। इनके अतिरिक्त दो गुप्त नवरात्रि भी आती हैं। आचार्य अनुपम जौली के अनुसार इस समयकाल में सभी को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि ऐसा किया जाए तो निश्चित रूप से लाभ होगा। जानिए इन बातों के बारे में
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नवरात्रि में क्या करना चाहिए (Navratri Puja Tips)
- नवरात्रि में अनुष्ठान कर रहे व्यक्ति का चरित्र, व्यवहार तथा खान-पान पूरी तरह से सात्विक होना चाहिए।
- वह मन, वचन, कर्म तथा वाणी से किसी भी प्रकार की हिंसा न करें, किसी अन्य को दुख न पहुंचाएं।
- खाने में यथासंभव फलाहार लेना चाहिए। अन्न से दूर रहें और हो सकें तो केवल एक समय ही भोजन के रूप में फल ग्रहण करें।
- नवरात्रि के पूरे नौ दिन ब्रह्मचर्य के साथ रहना चाहिए। असत्य नहीं बोलना चाहिए। दूसरों की सहायता करनी चाहिए।
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नवरात्रि में न करें ये काम
- नवरात्रि या अन्य किसी भी अनुष्ठान में मांस, मदिरा, अंडे, सिगरेट, तंबाकू तथा शराब आदि तामसिक वस्तुओं से दूर रहना चाहिए। ऐसा करना आपके अनुष्ठान को विफल कर देता है।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अनुष्ठान या पूजा मे नाखून तथा बाल नहीं काटने चाहिए।
- इन नौ दिनों तक किसी भी स्त्री, बुजुर्ग, अपाहिज, पशु, पक्षी या जीव को शारीरिक, मानसिक या अन्य प्रकार से पीड़ा नहीं पहुंचानी चाहिए। इससे अनुष्ठा का फल नहीं मिलता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।