Jaya Kishori Motivational Videos: कथावाचकों में जया किशोरी अग्रगणन्य मानी जाती हैं। जया किशोरी जी के मोटिवेशनल वीडियो को आज कल लोग खूब पसंद कर रहे हैं। साथ ही उनके बाताए गए मार्ग पर चलने की कोशिश भी करते हैं। इस दिनों जया किशोरी जी अपनी मोटिवेशन स्पीच को लेकर काफी चार्चा में हैं। देश के अधिकांश युवक और युवतियां जया किशोरी जी से प्रेरणा लेकर अपनी जिंदगी को संवार रही है। इस क्रम में सोशल मीडिया पर जया किशोरी जी का एक मोटिवेशनल वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल इस वायरल वीडियो में जया किशोरी इस सवाल का जवाब देती हैं कि जब कोई बुराई करे, तो क्या करना चाहिए। आइए जानते हैं इस विषय पर कथावाचक जया किशोरी के क्या विचार हैं?
जब कोई बुराई करे, तो क्या करना चाहिए
प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी से एक भक्त ने पूछा कि कोई बुरा करे तो क्या करना चाहिए। इस सवाल के जवाब में जया किशोरी बड़ी बेबाकी के साथ बताया कि आपको फर्क ही क्यों पड़ रहा है। आपने अपनी जिंदगी का रिमोट कंट्रोल दूसरे को क्यों देकर रखा है? वो मनचाहे चैनल बदल रहा है, तो उसको आप कैसे रोक सकते हैं। जया किशोरी ने कहा कि बात सिर्फ बुरे की नहीं है, बल्कि अच्छे की भी है। कोई आपको अच्छा कह दे और आप खुश हो गए, ऐसा क्यों? मान लीजिए तैयार होकर कहीं गए, आपको पता है कि आप अच्छे दिख रहे हैं, फिर आपको जरूरत क्यों है कि कोई अच्छा रहे। अगर दुर्भाग्य से किसी ने आपको अच्छा नहीं बोला तो आप खुद अपने पहनावे पर संदेह करने लगते हैं, कि मेरा पहनावा अच्छा नहीं है। ऐसे में आप गुस्से के लिए भी किसी और पर निर्भर हैं, खुश होने के लिए भी आप किसी और पर निर्भर हैं। दुखी होने के लिए भी आप किसी दूसरे पर निर्भर हैं। आपका अपना है क्या?
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ऐसे में भगवान भी कहेंगे कि तुम्हें सेवक बनाकर भेजा था, आप सेवक से ज्यादा और कुछ नहीं हो पाए। ऐसे में कोई दुनिया का मालिक क्या बनेगा जब वह खुद का मालिक नहीं है। जया किशोरी ने आगे कहा कि योगी होना, साधू होना या संत होना ये कोई बाहरी रूप नहीं है, कपड़े नहीं है, बल्कि मानसिकता है। जब एक संत की परिभाषा शास्त्रों में दी गई है और कहा गया है कि वह सुख-दुख दोनों में एक ही भाव रखता है। उसको कोई फक्र नहीं पड़ता। यही तो संत है। ऐसे में अगर कोई आपको अच्छी बात कहता है तो ठीक है, लेकिन आप अति उत्साहित हो गए, ये गलत है। कोई आपकी बुराई भी कर रहा है तो आप एकदम ही दुखी हो गए, ये भी गलत है। आपको उससे क्यों फर्क पड़ रहा है। कोई भी आ रहा है, आपके साथ खेलकर चला जा रहा है।
ऐसे में जया किशोरी कहती हैं, इंसान को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उसके साथ क्या हो रहा है। भगवान ने तो आपको इतना कमजोर बनाकर नहीं भेजा, फिर कोई अगर बुरा या अच्छा कहे तो इसके लिए अत्यधिक चिंता क्यो? ऐसे में तो भगवान भी कहेंगे कि काम तो जानवरों वाला हो रहा है। ऐसे में इंसान को कुछ ऐसा करना चाहिए कि लोग समझे कि भागवन ने बुद्धि, विवेक और धैर्य आपको दिया है और किसी कारण से दिया है ताकि मालिक बन सके। तो दुनियां के मालिक बनने से पहले इंसान को अपनी इंद्रियों का मालिक बनना चाहिए। तब अगर आपको लोग कुछ रहेंगे भी तो आपको उसके कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इंसान अगर अंदर से मजबूत है तो उसे बाहरी किसी वायरल से डरना नहीं चाहिए। ऐसे में हर इंसान को अंदर से मजबूत बनना चाहिए।
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डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।