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Hanuman Temple: यहां महिला के रूप में की जाती है हनुमान जी की पूजा, जानें क्या है इससे जुड़ी मान्यताएं

Hanuman Temple Chhattisgarh: भारत में एक ऐसा भी स्थान है जहां हनुमान जी को स्त्री के रूप में पूजा जाता है और 16 श्रृंगार भी अर्पित किया जाता है। आइए उस स्थान के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Feb 17, 2024 15:10
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Hanuman Temple

Hanuman Temple Chhattisgarh: भारत में बहुत सारे ऐसे मंदिर हैं जो अपनी-अपनी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। यह मंदिर में भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। बता दें भारत के इन मंदिरों में तरह-तरह के चमत्कार देखने को मिल जाते हैं। आज इस खबर में आपको बताने वाले हैं जहां हनुमान जी की पूजा स्त्री रूप में की जाती है। बता दें कि यहां हनुमान जी को चोला नहीं बल्कि 16 श्रृंगार अर्पित किया जाता है। आज इस खबर में हनुमान जी के बारे में जानेंगे।

बता दें कि यह हनुमान जी का मंदिर छत्तीसगढ़ के गिरजाबंध में स्थित है। इस स्थान पर हनुमान जी को 16 श्रृंगार करके स्त्री के रूप में पूजा जाता है। अब सोचने वाली बात है कि आखिर सोलह श्रृंगार करके हनुमान जी की पूजा क्यों की जाती है। साथ ही इसके पीछे की मान्यता क्या है। आइए विस्तार से जानते हैं।

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हनुमान जी का मंदिर

जी हां आपने ऊपर सही पढ़ा, इस खबर में हनुमान जी के बारे में जिक्र कर रहे हैं। हनुमान जी का यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से 25 किलोमीटर पर स्थित है। यह मंदिर पूरे विश्व का इकलौता मंदिर है जहां पर हनुमान जी को नारी के रूप में पूजा जाता है। यहां हनुमान जी की मूर्ति को सोलह श्रृंगार भी चढ़ाया जाता है।

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स्वयं प्रकट हुई थी यह मूर्ति

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गिरजाबंध में स्थित हनुमान जी की यह स्वयं प्रकट हुई थी। मान्यता है कि हनुमान जी प्रत्येक दिन द्वारिकापुरी से यहां तक फेरी लगाने के लिए आते थे। स्थानीय लोगों के अनुसार, हनुमान जी के मंदिर में देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन और श्रद्धा के साथ अपनी मनोकामना लेकर आते हैं उनकी इच्छा जरूर पूरी होती है। साथ ही हनुमान जी का आशीर्वाद भी बना रहता है।

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किसने कराया था मंदिर का निर्माण

कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण देवजू नामक राजा ने करवाया था। राजा हनुमान जी के बड़े भक्त थे और उन्हें कुष्ठ रोग था। राजा देवजू कई सालों तक रतनपुर में शासन किया था। मान्यता है कि हनुमान जी ने राजा को मंदिर बनवाने का आदेश दिया था। उसके बाद ही राज ने मंदिर का निर्माण करवाया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि हनुमान जी राजा के सपने में भी आए थे और उन्हें महामाया कुंड  से मूर्ति निकालकर स्थापित करने आदेश दिया था। उसके बाद ही राजा ने मंदिर में मूर्ति स्थापित कराया।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Edited By

Raghvendra Tiwari

First published on: Feb 17, 2024 03:10 PM

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