Amavasya ke Upay: शास्त्रों में अमावस्या का बहुत ही अधिक महत्व बताया गया है। इसे पितरों की तिथि मानते हुए इस दिन उनकी प्रसन्नता एवं पितरों की आत्मा की शांति के निमित्त विभिन्न कर्मकांड किए जाते हैं। इस पर भी यदि अमावस्या सोमवार या अधिकमाह में हो तो इसे विशेष फलदायी माना गया है। इस वर्ष भी 19 वर्षों बाद सावन अधिकमाह की अमावस्या आ रही है और इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं।
आचार्य अनुपम जौली के अनुसार अधिकमाह की अमावस्या पर कुछ आसान से उपाय करना आपकी पूरी लाइफ को बदल सकता है। जानिए कब है सावन अधिकमाह की अमावस्या और इस दिन बनने वाले मुहूर्तों के बारे में, साथ ही कुछ उपाय भी यहां बताए जा रहे हैं जो आपकी हर समस्या हल कर देंगे।
कब है सावन अधिकमाह की अमावस्या
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन अधिकमाह की अमावस्या 15 अगस्त 2023 को दोपहर 12.45 बजे आरंभ होगी। इसका समापन 16 अगस्त को दोपहर 3.09 बजे होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व होने के कारण अमावस्या 16 अगस्त 2023, (बुधवार) को ही मनाई जाएगी। कर्मकांड करने वाले लोग मंगलवार को दर्श अमावस्या मनाएंगे।
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अगस्त माह में आने वाली इस अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। साथ ही मंगला दर्श अमावस्या वाले दिन मंगला गौरी व्रत भी है। ऐसे में इसका विशेष महत्व बन रहा है।
अमावस्या पर करें ये उपाय (Amavasya ke Upay)
- वैसे तो अमावस्या को श्राद्ध, तर्पण तथा पिंडदान के लिए सर्वोत्तम माना गया है। परन्तु सोमवती अमावस्या, दिवाली तथा अधिक माह की अमावस्या को इन उपायों को करना विशेष शुभ फलदायक माना जाता है। जानिए इस दिन कौनसे उपाय करने से लाभ होगा।
- अमावस्या पर पितरों की आत्मा की शांति के निमित्त श्रीमद्भागवत गीता का पाठ तथा उसके श्लोकों से हवन करना चाहिए। इस उपाय से पितृ दोष समाप्त होता है और घर में मौजूद सभी तरह की नकारात्मक शक्तियां भी घर से बाहर निकल जाती हैं।
- इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी कृत रामचरितमानस के सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए। इसके पूर्व हनुमानजी सहित राम दरबार की पूजा करनी चाहिए तथा उन्हें गुड़-चने अथवा मिष्ठान्न का भोग लगाना चाहिए। इस उपाय से धन लाभ होता है।
- गरीब भिखारियों, पशु-पक्षियों तथा जरूरतमंदों को अपने पूर्वजों के नाम पर भोजन कराएं। संभव हो तो उन्हें गरीबों को दवाई आदि उपलब्ध कराएं। इससे आपकी सभी तरह की समस्याएं दूर हो जाएंगी। कोई संकट आने वाला होगा तो वह भी दूर होगा।
- अपने पूर्वजों के लिए किसी विद्वान आचार्य की देखरेख में पिंड दान, श्राद्ध तथा तर्पण करें। इससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा और घर में सुख, शांति का आगमन होगा।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।