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दक्षिण अफ्रीका को मिला दूसरे विश्वयुद्ध में डूबे जहाज से मिला 360 करोड़ का खजाना, UK की सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला

World War 2 Treasure : दूसरे विश्व युद्ध के दौरान एक जहाज चांदी के हजारों बार के साथ डूब गया था। इस जहाज का मलबा दक्षिण अफ्रीका के तट पर एक ब्रिटिश एक्सप्लोरेशन कंपनी को मिला था। इसके बाद इस बात की कानूनी लड़ाई शुरू हुई थी कि इस खजाने पर किसका दावा होना चाहिए। अब यूके की सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुना दिया है। इस खजाने की कीमत 43 मिलियन डॉलर यानी लगभग 360 करोड़ रुपये है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: May 10, 2024 21:59
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Shipwreck
Representative Image (Pixabay)

Treasure From World War II Shipwreck :  दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान डूबे एक जहाज के मलबे से मिला खजाने पर दावे को लेकर मुकदमा दक्षिण अफ्रीका ने जीत लिया है। यूनाइटेड किंगडम की सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दक्षिण अफ्रीका के हक में फैसला सुनाया है। बता दें कि यह खजाना दक्षिण अफ्रीका के तट पर मिला था जिसे ब्रिटेन की एक एक्सप्लोरेशन कंपनी ने ढूंढा था। यह जहाज SS Tilawa था जिसे इंडियन टाइटैनिक भी कहा जाता था। इसके डूबने के साथ 280 लोगों की मौत हुई थी और 2000 से ज्यादा चांदी के बार समुद्र में समा गए थे।

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13 नवंबर 1942 को SS Tilawa को जापानी तारपीडो ने हिंद महासागर में अपना निशाना बनाते हुए डुबा दिया था। इस जहाज पर तह 900 से अधिक लोग सवार थे और साथ ही साथ यह चांदी के 2364 बार ले जा रहा था जिन्हें तत्कालीन यूनियन ऑफ साउथ अफ्रीका ने खरीदा था। यूनियन ने इनकी खरीद इनसे सिक्के बनाने के उद्देश्य से की थी। 2017 तक इस खजाने तक कोई नहीं पहुंच पाया था। लेकिन बाद में ब्रिटेन की एक कंपनी अर्जेंटम एक्सप्लोरेशन लिमिटेड एक स्पेशलिस्ट साल्वेज व्हीकल लेकर आई थी जिसकी सहायता से खजाने तक पहुंचना संभव हो पाया।

इसके बाद यह खजाना यूके पहुंचा दिया गया और इसे कंपनी की संपत्ति घोषित कर दिया गया। साउथ अफ्रीका ने इसका विरोध किया था। कंपनी ने निचली अदालत में तर्क दिया था कि इस खजाने को जिसने ढूंढा है वह उसके लिए भुगतान का दावा कर सकता है। वहीं, साउथ अफ्रीका ने कहा कि निचली अदालत के पास कंपनी के दावे पर सुनवाई करने का अधिकार नहीं है क्योंकि मामला किसी और देश से जुड़ा हुआ है। बाद में यह मामला यूके की सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को झटका देकर फैसला साउथ अफ्रीका के हक में दिया।

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Edited By

Gaurav Pandey

First published on: May 10, 2024 09:59 PM

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