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कौन थे पोप फ्रांसिस? दुनिया के सबसे छोटे देश के ‘राजा’, कभी नाइट क्लब के रहे थे बाउंसर

पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है। वेटिकन ने एक वीडियो संदेश में कहा कि रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी लीडर पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है। बता दें कि पोप 88 वर्ष के थे और वो किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 21, 2025 14:24
Pope Francis died
पोप फ्रांसिस का निधन।

पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में सोमवार (21 अप्रैल) को निधन हो गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में वेटिकन न्यूज ने केवल इतना कहा कि पोप का निधन उनके निवास में हुआ है। दरअसल, पोप फ्रांसिस पिछले कई महीनों से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे। वेटिकन के कैमरलेंगो कार्डिनल केविन फैरेल ने घोषणा की कि पोप फ्रांसिस का निधन सोमवार सुबह हुआ। फैरेल ने इस बारे में बताते हुए कहा, ‘आज सुबह 7:35 बजे रोम के बिशप फ्रांसिस पिता के घर लौट गए। उनका पूरा जीवन प्रभु और उनके चर्च की सेवा के लिए समर्पित था।’

स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे

पोप फ्रांसिस ने 2013 में पोप का पद संभाला था। हाल के वर्षों में पोप फ्रांसिस की सेहत को लेकर चिंता बढ़ गई थी। 14 फरवरी को उन्हें ब्रोंकाइटिस के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद 22 फरवरी को उनकी हालत गंभीर हो गई थी, जब उन्हें लंबे समय तक सांस की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ा और उन्हें हाई प्रेशर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी। पोप फ्रांसिस हाल ही में डबल निमोनिया की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। इलाज के दौरान कैथलिक चर्च के हेडक्वॉर्टर वेटिकन ने बताया था कि पोप की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में किडनी फेल होने के लक्षण दिख रहे थे। साथ ही प्लेटलेट्स की कमी का भी पता चला था। हालांकि 14 मार्च को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था।

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उर्सुला वॉन डेर लेन ने दी श्रद्धांजलि

यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेन ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘आज दुनिया पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक मना रही है। उन्होंने कैथोलिक चर्च से कहीं आगे बढ़कर अपनी विनम्रता और प्रेम से लाखों लोगों को प्रेरित किया। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जो इस गहरे नुकसान को महसूस कर रहे हैं। उन्हें इस विचार से सांत्वना मिले कि पोप फ्रांसिस की विरासत हम सभी को न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण और दयालु दुनिया की ओर ले जाती रहेगी।’

कौन थे पोप फ्रांसिस?

पोप फ्रांसिस दुनिया के सबसे छोटे देश वेटिकन के राजा थे। इस देश का आकार सिर्फ 0.49 स्क्वायर किमी है और आबादी महज 764 लोगों की है। ये इटली की राजधानी रोम के अंदर बसा है। ये छोटा सा देश दुनिया की 130 करोड़ कैथोलिक आबादी की आस्था का केंद्र है। पोप यहां के राजनीतिक और धार्मिक नेता थे। पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसम्बर 1936 अर्जेंटीना के फ्लोरेंस शहर में हुआ था। पोप बनने से पहले उन्होंने जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो नाम से जाना जाता था। पोप फ्रांसिस के दादा-दादी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी से बचने के लिए इटली छोड़कर अर्जेंटीना चले गए थे। पोप ने अपना ज्यादातर जीवन अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में बिताया।

वेटिकन सिटी स्टेट के संप्रभु थे पोप फ्रांसिस

वह कैथोलिक चर्च के प्रमुख और 2013 से 2025 तक वेटिकन सिटी स्टेट के संप्रभु थे। वे सोसाइटी ऑफ जीसस (जेसुइट ऑर्डर) और  अमेरिका और दक्षिणी गोलार्ध से बनने वाले पहले पोप थे। साथ ही 8वीं शताब्दी के सीरियाई पोप ग्रेगरी तृतीय के बाद यूरोप के बाहर जन्मे या पले-बढ़े पहले व्यक्ति थे। उन्हें 1969 में कैथोलिक पादरी नियुक्त किया गया था। 1973 से 1979 तक वे अर्जेंटीना में जेसुइट प्रांतीय सुपीरियर थे। वे 1998 में ब्यूनस आयर्स के आर्कबिशप बने और 2001 में पोप जॉन पॉल द्वितीय द्वारा कार्डिनल बनाए गए। उन्होंने अर्जेंटीना में दिसंबर 2001 के दंगों के दौरान अर्जेंटीना चर्च का नेतृत्व किया था।

पोप बनने वाले पहले गैर-यूरोपीय

पोप फ्रांसिस अर्जेंटीना के एक जेसुइट पादरी थे, वो 2013 में रोमन कैथोलिक चर्च के 266वें पोप बने थे। उन्हें पोप बेनेडिक्ट सोलहवें का उत्तराधिकारी चुना गया था। पोप फ्रांसिस बीते 1000 साल में पहले ऐसे इंसान थे जो गैर-यूरोपीय होते हुए भी कैथोलिक धर्म के सर्वोच्च पद पर पहुंचे।

नाइट क्लब में बाउंसर के रूप किया था काम

पोप फ्रांसिस अपने युवावस्था में एक नाइट क्लब में बाउंसर के रूप में काम करते थे। उन्होंने पादरी बनने से पहले ब्यूनस आयर्स में एक नाइट क्लब में बाउंसर के रूप में काम किया था ताकि वे अपना जीवनयापन कर सकें।

First published on: Apr 21, 2025 01:54 PM

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