Benjamin Netanyahu Future Update: ईरान के परमाणु प्रोग्राम के खिलाफ इजरायल ने जंग छेड़ी, जो 12 दिन चली। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि मुस्लिम देश ईरान को किसी कीमत पर परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे। इसलिए इजरायल ने 12 जून 2025 को ईरान पर हमला कर दिया। ईरान के 12 में से करीब 5 परमाणु ठिकानों को इजरायल ने मिसाइलों से हमला करके तोड़-फोड़ दिया। रही सही कसर अमेरिका ने बमबारी करके पूरी कर दी। अब ईरान का परमाणु कार्यक्रम कई साल पीछे हो गया है। ईरान ने स्वीकार कर लिया है कि इजरायल और अमेरिका के हमले से परमाणु ठिकाने क्षतिग्रस्त हुए हैं और उन्हें फिर से खड़ा करने में कई साल लगेंगे।
12 दिल चली जंग के बाद अमेरिका ने दोनों देशों में सीजफायर करा दिया। नुकसान तो इजरायल ने भी उठाया है। इजरायल को माली नुकसान काफी हुआ है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप तो बेंजामिन नेतन्याहू को योद्धा बता रहे हैं, लेकिन इजरायल में नेतन्याहू की स्थिति क्या है? ईरान के साथ जंग और सीजफायर के बाद के उनका क्या होगा? उनकी इमेज और राजनीतिक भविष्य पर ईरान पर हमला करने के उनके फैसले का क्या असर पड़ेगा?
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क्या नेतन्याहू का विरोध हो रहा है?
इजरायल के सियासी गलियारों में चर्चा है कि ईरान पर हमला करने का फैसला लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने काफी हिम्मत दिखाई। इस फैसले से उनका राजनीतिक भविष्य चमेकगा। उनका वोट बैंक बढ़ सकता है और वे फिर से प्रधानमंत्री बन सकते हैं। वहीं एक गुट नेतन्याहू और उनके ईरान पर हमला करने के फैसले का विरोधी है। इस गुट का कहना है कि एक तो ईरान की सैन्य ताकत के बारे में जानते हुए भी उन्होंने ईरान पर हमला किया।
दूसरा ईरान के हमले से इजरायल के कई सरकारी, सैन्य और सार्वजनिक ठिकानों तबाह को गए, जिन्हें फिर से खड़ा करने में इजरायल को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके लिए नेतन्याहू को जिम्मेदार ठहराया जाता है। नेतन्याहू के खिलाफ जांच बैठ सकती है, क्योंकि बेंजामिन ने कहा कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है, इसलिए उस पर सैन्य कार्रवाई की। उनके दावे की जांच हो सकती है। अगर कार्रवाई हुई तो उन्हें अयोग्य करार दिया जा सकता है। उन्हें सजा भी हो सकता है। ऐसे में उनका राजनीतिक भविष्य अंधेरे में जा सकता है। इजरायल के यहूदी कह रहे हैं कि सत्ता में बने रहने के लिए नेतन्याहू ने देश का नुकसान करा दिया।
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