Malaysian Toddler Died Inside Car: मलेशिया में एक पिता की लापरवाही बच्चे के लिए जानलेवा बन गई। पिता 16 महीने की बच्ची को कार के अंदर भूल गया, जिस कारण दम घुटने से उसकी मौत हो गई। बच्ची सारा दिन कार के अंदर बंद रही। अचानक पिता को ध्यान आया और वह हड़बड़ाता हुआ दौड़कर आया, लेकिन तब तक बच्ची बेहोश हो चुकी थी और अस्पताल पहुंचने तक उसकी मौत हो चुकी थी। यह देखकर पिता को भी सदमा लगा। वह बदहवासी की हालत में है।
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बच्ची कार के अंदर बेहोशी की हालत में मिली
द स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सुबह पिता बेटी को लेकर यूनिवर्सिटी के लिए निकला, लेकिन वह अपनी बेटी को यूनिवर्सिटी के डे केयर सेंटर में छोड़ना भूल गया। शाम करीब साढ़े चार बजे (भारतीय समयानुसार) उसे बेटी का ध्यान आया तो वह अपनी कार की ओर दौड़ा। उसने देखा कि बेटी कार के अंदर बेहोश हालत में पड़ी है। वह उसे लेकर यूनिवर्सिटी के हेल्थ सेंटर में पहुंचा, जहां के डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। कुआला तेरेंगानु जिले के पुलिस प्रमुख अब्दुल रहीम एमडी दीन ने कहा कि मामले की सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बच्ची मर चुकी थी।
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एक्ट के तहत कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी
उन्होंने बताया कि सुल्तानह नूर जाहिरा अस्पताल में बच्ची का पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस ने देश के बाल अधिनियम 2001 के तहत केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है। यदि किसी व्यक्ति को बच्चों के साथ दुर्व्यवहार, उपेक्षा, त्यागने या उजागर करने का दोषी पाया जाता है तो उसे 10 साल तक की जेल या RM20,000 (£ 3,455) तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं, क्योंकि इस कानून के तहत शारीरिक और भावनात्मक चोटें पहुंचाना अपराध हैं। इस मामले में भी एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाएगा और आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करके उसे सबक सिखाया जाएगा, ताकि दोबारा ऐसा न हो।
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कार में छूटने से बच्चे की मौत की दूसरी घटना
बता दें कि एक महीने से भी कम समय में माता-पिता की लापरवाही के कारण कार में बच्चे की मौत होने की यह दूसरी घटना थी। अक्टूबर की शुरुआत में कुआलालंपुर में 8 महीने की बच्ची को उसकी मां ने कार में छोड़ दिया था। करीब 10 घंटे तक कार में छोड़े जाने से बच्ची की मौत हो गई थी। चेरस जिले के पुलिस प्रमुख ज़म हलीम जमालुद्दीन ने द स्ट्रेट्स टाइम्स को बताया कि बच्ची की मां ने अपनी बेटी को नर्सरी में ले जाने के लिए सुबह 7.20 बजे (भारतीय समयानुसार) कार की पिछली सीट पर बिठाया था। डॉक्टर मां यह समझकर काम पर चली गई कि उसने बेटी को पहले ही नर्सरी में छोड़ दिया है, लेकिन जब उसके पति ने शाम को फोन करके बताया कि बेटी आज नर्सरी में नहीं थी तो उसे अहसास हुआ कि बेटी अभी भी कार में है, लेकिन तब तक वह मर चुकी थी।