पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में कई दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन शनिवार को हिंसक हो गया। इस पर पाक सेना ने गोलीबारी कर आम लोगों को निशाना बनाया। पीओके के कोटली में नागरिक कई दिनों से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत सरकार ने पर्यटकों को कश्मीर में पीओके के नजदीक न जाने की सलाह दी है। पीओके के कोटली में पत्रकारों की एंट्री भी बैन कर दी गई है।
पीओके में क्यों हो रहा प्रदर्शन?
बता दें कि पीओके में लंबे समय से चिंगारी भड़क रही है। वहां महंगाई, रोजगार और संसाधनों का घोर अभाव है। इनकी मांग को लेकर लोग आए दिन धरने करते थे। लेकिन कोई समाधान न मिलता देख अब लोग उन्हीं मांगों को लेकर सड़कों पर उग्र रुप से उतर आए हैं। पीओके में ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पाक आर्मी ने कई बार पीओके के लोगों की आवाज दबाने की कोशिश की लेकिन संसाधनों की कमी ने हमेशा प्रदर्शनों की आग दिखाई।
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29 को लॉकडाउन
पीओके में विरोध प्रदर्शन पहली बार नहीं हो रहे है। बीते महीने पीओके के रावलकोट में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे थे। खासतौर से पाकिस्तान की आर्मी के खिलाफ गुस्सा दिखा था। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने असीम मुनीर पर डोनाल्ड ट्रंप की कठपुतली बनने का आरोप लगाया था। बताया जा रहा है कि अगले 48 घंटों बाद कुछ बड़ा होने वाला है। अवामी एक्शन कमेटी का 38 पॉइंट का चार्टर ऑफ डिमांड क्या है। हाईकोर्ट में पिटीशन दायर करने वाले 3 शहरी कौन हैं। जनता ने 29 तारीख को पूरी तरह लॉकडाउन का ऐलान किया है।
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