---विज्ञापन---

नवाज शरीफ 4 साल बाद शनिवार को आएंगे पाकिस्तान, करप्शन केस में इस्लामाबाद HC ने दी जमानत

Nawaz Sharif Grant Protective Bail Avenfield Al-Azizia Cases Islamabad High Court: पीएमएल-एन के वकीलों ने इन दो मामलों में नवाज के लिए सुरक्षात्मक जमानत की मांग करते हुए इस्लामाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था।

Edited By : Om Pratap | Updated: Oct 19, 2023 14:44
Share :
Nawaz Sharif
Nawaz Sharif

Nawaz Sharif Grant Protective Bail Avenfield Al-Azizia Cases Islamabad High Court: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के वतन वापसी का रास्ता साफ हो गया है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने करप्शन के मामले में नवाज शरीफ को सुरक्षात्मक जमानत दे दी है। पाकिस्तानी अखबार ‘द डॉन’ के मुताबिक, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ की याचिका स्वीकार कर ली और उन्हें 24 अक्टूबर तक एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में सुरक्षात्मक जमानत दे दी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ शनिवार यानी 21 अक्टूबर को पाकिस्तान आ रहे हैं। जुलाई 2018 में आय से अधिक संपत्ति रखने के लिए एवेनफील्ड संपत्ति भ्रष्टाचार मामले में नवाज शरीफ को 10 साल की जेल और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के साथ सहयोग नहीं करने के लिए एक साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज को भी मामले में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन सितंबर 2022 में उनके पति सेवानिवृत्त कैप्टन सफदर के साथ बरी कर दिया गया था।

---विज्ञापन---

24 दिसंबर 2018 को मिली थी 7 साल की सजा

कोर्ट ने नवाज शरीफ को 24 दिसंबर, 2018 को 7 साल जेल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के बाद नवाज शरीफ को रावलपिंडी की अदियाला जेल ले जाया गया था, जहां से उन्हें अगले दिन लाहौर की कोट लखपत जेल में शिफ्ट कर दिया गया। नवाज को मार्च 2019 में जेल से रिहा किया गया था, जिसके बाद लाहौर हाईकोर्ट की ओर से उन्हें अनुमति दिए जाने के बाद वे नवंबर 2019 में लंदन के लिए रवाना हो गए। इसके बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने दिसंबर 2020 में दोनों मामलों में उसे भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया।

बता दें कि बुधवार को पीएमएल-एन के वकीलों ने इन दो मामलों में नवाज के लिए सुरक्षात्मक जमानत की मांग करते हुए इस्लामाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था। गुरुवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक और न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब ने याचिकाओं पर सुनवाई की।

---विज्ञापन---

पूर्व कानून मंत्री आजम नजीर तरार और अमजद परवेज सहित नवाज के वकील अदालत में पेश हुए, जबकि भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्था NAB के अभियोजक राणा मकसूद, कुरेशी और नईम संघेरा भी मौजूद थे। सुनवाई की शुरुआत में, सांघेरा ने पीएमएल-एन सुप्रीमो के पक्ष में अपनी दलीलें पेश कीं, जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या एनएबी का रुख बदल गया है?

अभियोजक ने जवाब दिया कि NAB का रुख वही है। उन्होंने याद दिलाया कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में लिखा था कि जब याचिकाकर्ता वापस आएगा, तो वह अपनी अपील बहाल कर सकता है। न्यायमूर्ति फारूक ने एक बार फिर पूछा कि हमने भी यही पूछा था – एनएबी का रुख क्या था? इसमें कोई बदलाव नहीं आया? अभियोजक ने जवाब दिया कि फिलहाल यही रुख है कि अगर वह वापस आता है, तो हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

चीफ जस्टिस ने पूछा- आपने किससे निर्देश लिया है

मुख्य न्यायाधीश ने फिर पूछा कि आपने किससे निर्देश लिया है? इस पर संघेरा ने जवाब दिया कि उन्होंने एनएबी अभियोजक जनरल से निर्देश ले लिए हैं। इसके बाद न्यायमूर्ति फारूक ने उन्हें अदालत में लिखित रूप में एक बयान देने का निर्देश दिया कि एनएबी को नवाज की वापसी पर कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद, आईएचसी ने पूर्व प्रधानमंत्री की याचिका स्वीकार कर ली, उन्हें सुरक्षात्मक जमानत दे दी और 21 अक्टूबर (शनिवार) को हवाई अड्डे पर पहुंचने पर पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने से रोक दिया।

न्यायमूर्ति फारूक और न्यायमूर्ति औरंगजेब ने कहा कि एनएबी को नवाज को सुरक्षात्मक जमानत दिए जाने से कोई दिक्कत नहीं है और पुलिस को 24 अक्टूबर तक उन्हें गिरफ्तार करने से रोकने के निर्देश जारी किए।

तोशाखाना मामले में गिरफ्तारी वारंट निलंबित

भ्रष्टाचार के मामलों के अलावा इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत ने तोशाखाना संदर्भ में 2020 में नवाज के खिलाफ जारी स्थायी गिरफ्तारी वारंट को निलंबित कर दिया। मामले में उन पर, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी पर तोशाखाना से लक्जरी वाहन और उपहार प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था। जून 2020 में, एक जवाबदेही अदालत ने मामले में पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया। महीनों बाद, नवाज़ ने वारंट को आईएचसी में चुनौती दी लेकिन कुछ दिनों बाद याचिका वापस ले ली।

HISTORY

Edited By

Om Pratap

First published on: Oct 19, 2023 02:44 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें