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क्या है Mocha, जिसकी रिपोर्टिंग के लिए पत्रकार को मिली 20 साल की सजा

Mocha Cyclone reporting journalist Jailed in Myanmar: म्यांमार में एक फोटो जर्नलिस्ट को इसलिए 20 साल की जेल हो गई, क्योंकि उसने तूफान मोचा की रिपोर्टिंग की थी। जर्नलिस्ट का नाम साई जाव थाइके है। उन्हें मिलिट्री कोर्ट में 20 साल के कैद की सजा दी है। फरवरी 2021 में आंग सांग सू ची की […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Sep 7, 2023 20:57
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Mocha Cyclone reporting journalist Jailed in Myanmar: म्यांमार में एक फोटो जर्नलिस्ट को इसलिए 20 साल की जेल हो गई, क्योंकि उसने तूफान मोचा की रिपोर्टिंग की थी। जर्नलिस्ट का नाम साई जाव थाइके है। उन्हें मिलिट्री कोर्ट में 20 साल के कैद की सजा दी है। फरवरी 2021 में आंग सांग सू ची की सरकार के तख्तापलट के बाद म्यांमार में यह किसी पत्रकार को दी गई अब तक सबसे बड़ी सजा है।

तख्तापलट के बाद से अंडरग्राउंड थे साई

40 साल के साई जाव थाइके न्यूज एजेंसी म्यांमार नाओ के लिए काम करते थे। 2021 के बाद से वे अंडरग्राउंड चल रहे थे। उन्हें 23 मई 2023 को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्हें न तो परिवार से मिलने की इजाजत दी गई और न ही कोई कानूनी सहायता मिली।

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Myanmar journalist

मई में आया था मोचा

चक्रवाती तूफान मोचा 10 मई 2023 को बंगाल की खाड़ी में बना था। मोचा ने बांग्लादेश को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया था। दूसरे नंबर सबसे अधिक नुकसान झेलने वाला देश म्यांमार था। तूफान ने हजारों रोहिंग्या शरणार्थियों के घरों को नष्ट कर दिया था। दोनों देशों में लाखों लोग विस्थापित हुए थे।

148 लोगों की गई थी जान

पत्रकार साई सितवे हुए में मोचा से हुए नुकसान की रिपोर्टिंग कर रहे थे। मोचा ने भारी तबाही मचाई थी। 148 लोगों की जान गई थी और 1.86 लाख घरों को नुकसान पहुंचा था। रखाइन में सबसे अधिक रोहिंग्या रहते हैं। म्यांमार की सरकार और सेना पर रोहिंग्याओं के दमन और नरसंहार का आरोप है।

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दर्ज हुआ था राष्ट्रद्रोह का केस

पत्रकार साई पर राष्ट्रद्रोह समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया था। उन पर समाज में भय फैलाने, गलत खबर फैलाने, लोगों को सेना और सरकार के खिलाफ भड़काने के लिए प्रेरित करने का आरोप है। मिलिट्री कोर्ट ने उन पर मुकदमा चलाया। बताया जाता है कि म्यांमार के कानून के मुताबिक इन सभी अपराधों के लिए अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान है। मगर, पत्रकार साई को 20 साल की सजा दी गई है।

मीडिया की आजादी खत्म

म्यांमार में तख्तापलट के बाद पत्रकारों पर जुल्म हो रहे हैं। अभिव्यक्ति की आजादी खत्म हो चुकी है। 13 मीडिया संस्थानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। अब तक 156 पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें 50 अभी भी हिरासत में हैं।

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Edited By

Bhola Sharma

First published on: Sep 07, 2023 08:57 PM

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