भारत पाकिस्तान तनाव के बीच पाकिस्तान को एक राहत मिली है। इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) से पाकिस्तान को 100 करोड़ रुपये (एक बिलियन डॉलर) का कर्ज मिल गया है। पाकिस्तान को यह कर्ज कैश मिलेगा। बता दें कि IMF ने पाकिस्तान के साथ अपने 7 अरब डॉलर के लोन प्रोग्राम को मंजूरी दे दी है।
हालांकि भारत ने कर्ज का विरोध जताया था और मतदान प्रक्रिया से भी दूरी बनाई थी। बावजूद इसके पाकिस्तान को लोन मिल गया। भारत ने विरोध जताते हुए दलील दी थी कि पाकिस्तान कर्ज का इस्तेमाल आतंकवाद और आतंकियों के लिए कर सकता है। इसलिए भारत पाकिस्तान को लोन देने के पक्ष में नहीं था।
बता दें कि पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर (20 हजार करोड़) के 2 पैकेज मिले हैं। 1 अरब डॉलर (8500 करोड़ रुपये) एक्सटेंड फंड फैसेलिटी (EFA) के तहत तत्काल जारी किए जाएंगे। 1.3 अरब डॉलर (11 हजार करोड़) का लोन अगले 28 महीने के अंदर किस्तों में IMF की ओर जारी कर दिया जाएगा।
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कैसे होती है वोटिंग?
बता दें कि 191 देश IMF के मेंबर हैं। 191 मेंबर का मतलब 191 वोट है। जब किसी को लोन देना होता है तो मेंबर देश वोटिंग करते हैं, लेकिन सिर्फ मेंबर्स की वोटिंग से कुछ नहीं होता। कोटे के आधार पर जिस देश को वोटिंग का अधिकार मिला होता है, उस देश से विचार विमर्श के बाद ही फैसला लिया जाता है।
पाकिस्तान को लोन भी ऐसे ही मिला। 191 देशों ने वोटिंग की, लेकिन भारत ने नहीं की। बावजूद इसके वोटिंग के बाद सबसे ज्यादा कोटे वाले देश से विचार करके पाकिस्तान को लेन देने का फैसला लिया गया। आर्थिक ताकत (जैसे GDP), विदेशी मुद्रा भंडार, व्यापार, आर्थिक स्थिरता के आधार पर वोटिंग का कोटा तय किया जाता है।
वर्तमान में अमेरिका का कोटा सबसे ज्यादा 16.5% है। भारत का कोटा 2.75% और पाकिस्तान का कोटा 0.43% के करीब है, लेकिन पाकिस्तान को लोन अमेरिका से बात करके ही दिया गया है। क्योंकि कोई भी फैसला लेने के लिए IMF को 85% वोट की जरूरत है। अगर अमेरिका वोट न करे तो बहुमत नहीं मिलेगा और फैसला नहीं होगा।
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