बांग्लादेश में छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के मामले में एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है. जिस फैसल करीम मसूद को इस हत्या का मुख्य आरोपी बताया जा रहा था, उसने अब एक वीडियो जारी कर अपनी सफाई दी है. मसूद का कहना है कि हत्या के वक्त वह बांग्लादेश में नहीं, बल्कि दुबई में मौजूद था. इस बयान ने न सिर्फ पुलिस की थ्योरी पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी नई बहस छेड़ दी है. आरोपी के इस वीडियो से बांग्लादेश के उस दावे की पोल खुल गई है, जिसमें कहा गया था कि आरोपी भारत में छिपा हुआ है.
‘मैंने हादी की हत्या नहीं की’
वायरल वीडियो में फैसल करीम मसूद खुद को निर्दोष बताते हुए कहता है, ‘मैं हादी की हत्या में किसी भी तरह से शामिल नहीं हूं. यह पूरा मामला झूठ और साजिश पर आधारित है.’ मसूद के अनुसार, फर्जी केस दर्ज किए जाने के बाद वह देश छोड़ने को मजबूर हुआ और वैध वीजा के जरिए दुबई पहुंचा. उसने दावा किया कि पुलिस ने न केवल उसे बल्कि उसके पूरे परिवार को परेशान किया है. उसने कहा, ‘मेरे परिवार के लोग पूरी तरह निर्दोष हैं. फिर भी उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, जो नाइंसाफी है’.
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कौन है फैसल करीम मसूद?
जांच रिपोर्टें बताती हैं कि फैसल करीम मसूद कभी बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) का हिस्सा था. यह वही संगठन है जो सत्ता से बेदखल अवामी लीग पार्टी की छात्र शाखा रहा है। अवामी लीग, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी है, जिसे अब प्रतिबंधित कर दिया गया है. बताया जाता है कि मसूद छात्र राजनीति से निकलकर कारोबारी क्षेत्र में आया और ढाका में उसने अपनी कुछ आईटी कंपनियां शुरू कीं. लिंकडिन की प्रोफाइल के मुताबिक, उसने 2013 में ढाका के एक निजी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में बैचलर डिग्री और बाद में एक अन्य संस्थान से एमबीए प्राप्त किया.
अवामी लीग आंदोलन में सक्रिय भूमिका
प्रोथोम आलो की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जुलाई 2024 के सार्वजनिक विद्रोह (जन आंदोलन) के दौरान फैसल करीम मसूद को अवामी लीग के समर्थकों के साथ प्रदर्शन स्थल पर देखा गया था. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि वह उस समय सरकार‑समर्थक गुटों के साथ प्रदर्शनकारियों को दबाने के अभियान में शामिल था. यह वही दौर था जब बांग्लादेश में युवाओं का व्यापक विरोध शुरू हुआ, जिसके परिणामस्वरूप हसीना सरकार को सत्ता से हटना पड़ा.
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डकैती के पुराने मामले में गिरफ्तारी
मसूद पर पहले एक आपराधिक मामला भी दर्ज हो चुका है. जांच में सामने आया है कि वह ढाका के एक स्कूल में हुई सशस्त्र डकैती के केस में गिरफ्तार हुआ था, जिसमें लगभग 17 लाख टका की लूट हुई थी. हालांकि बाद में उसे राहत मिल गई और जमानत पर रिहा कर दिया गया. यह पृष्ठभूमि अब फिर से चर्चा में है क्योंकि हादी की हत्या के बाद लोग उसके पुराने रिकॉर्ड और राजनीतिक जोड़ियों पर सवाल उठा रहे हैं.










