नई दिल्ली: पाकिस्तान बाढ़ के कारण सबसे अधिक तबाही का सामना कर रहा है। इस बीच हिंदू समुदाय ने नेक पहल करते हुए बाढ़ पीड़ितों के लिए मंदिरों के दरवाजे खोल दिए हैं। बता दें कि बाढ़ से पाकिस्तान के 80 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं और देश में बाढ़ से मरने वालों की संख्या लगभग 1,200 तक पहुंच गई है।
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बलूचिस्तान में हिंदू समुदाय ने बाढ़ प्रभावित लोगों को आश्रय देने के लिए मंदिर के दरवाजे को खोलकर मानवता और धार्मिक सद्भाव का संकेत दिया है। यहां का एक छोटा गांव बाढ़ के कारण बाकी प्रांत से पूरी तरह कट गया है। डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बाढ़ ने घरों को तबाह कर दिया है और बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। इसे देखते हुए हिंदू समुदाय ने बाबा मधुदास मंदिर के कपाट खोल दिए हैं।
बता दें कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने भी पाकिस्तान में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 6,50,000 गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए चिंता जताई थी। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा, “अगले महीने 73,000 महिलाओं के प्रसव की उम्मीद है, ऐसे में उन्हें सुरक्षित प्रसव, नवजात की देखभाल की आवश्यकता होगी।”
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पाकिस्तान में रिकॉर्ड मानसून और भारी बाढ़ ने भूख और विभिन्न बीमारियों को जन्म दिया है जिससे 33 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में स्थिति और विकराल हो जाएगी क्योंकि बाढ़ प्रभावित आवश्यक संसाधनों से वंचित होकर आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
देश के बड़े इलाके अभी भी पानी के भीतर हैं और सैकड़ों हजारों लोग अपने घरों से निकलने को मजबूर हैं। विनाशकारी बाढ़ ने 33 मिलियन से अधिक लोगों को विस्थापित किया और अनुमान है कि इससे 30 बिलियन अमरीकी डॉलर का नुकसान हुआ है।
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