Germany News: जर्मनी की एक महिला ने केवल 5 साल की यजीदी बच्ची को गुलाम बनाया था और उसे ईराक में मरने के लिए बिना पानी के धूप में छोड़ दिया था। इस महिला को इसके लिए 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। महिला ने इस फैसले को चुनौती दी थी। लेकिन जर्मनी की एक फेडरल कोर्ट ने हाल ही में महिला की अपील को खारिज कर दिया है। यह महिला और उसका पति उस समय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के सदस्य थे।
#Germany #Iraq
A German federal court has rejected a woman’s appeal of her 14-year sentence for allowing a #Yazidi girl she and her husband kept as a slave when they were members of the #IslamicState group in Iraq to die of thirst.https://t.co/RPd7BRxmfe---विज्ञापन---— Philip Grant (@PhilipGrant40) March 20, 2024
इस्लाम धर्म अपनाने वाली जेनिफर डब्ल्यू नामक इस महिला को अक्टूबर 2021 में गुलामी के जरिए मानवता के खिलाफ अपराध के दो आरोप समेत अन्य मामलों में दोषी ठहराया था। शुरुआत में उसे 10 साल की सजा सुनाई गई थी। लेकिन फेडरल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने यह कहते हुए फैसले पर रोक लगा दी थी कि सजा सुनाने में मानवता के खिलाफ अपराधों को कम करके आंका गया और अहम बातों पर ध्यान नहीं दिया था।
कोर्ट ने निराधार बताते हुए खारिज कर दी अपील
इसके बाद जेनिफर को फिर से सजा सुनाने के लिए सुनवाई शुरू हुई थी जो पिछले साल अगस्त में पूरी हो गई थी। इस सुनवाई के बाद उसे 14 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस फैसले के खिलाफ जेनिफर ने अपील की थी, जिसे अदालत ने बीते बुधवार को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिका पूरी तरह से निराधार है। हालांकि, फैसले में यह स्पष्ट नहीं बताया गया है कि महिला ने किस आधार पर अपील की थी।
German ISIS bride who chained up five-year-old Yazidi slave girl and let her die of thirst is refused appeal.
Appealing a 15 year sentence? Never mind that. Why isn’t this thing hanging off the end of a rope instead?https://t.co/7ejrIG9LVr pic.twitter.com/bVo2vwzLch
— EmmaBorosKidd (@EmmaBorosKidd) March 23, 2024
बच्ची को जंजीरों से बांधा, मां को भी गुलाम बनाया
बता दें कि जिस बच्ची को इस महिला ने गुलाम बनाया था उसकी अगस्त 2015 में ईराक के फालुजा में मौत हो गई थी। सबसे पहले के ट्रायल में अदालत को पता चला था कि महिला ने बच्ची की मदद के लिए कुछ भी नहीं किया था, जबकि वह ऐसा कर सकती थी और यह उचित भी होता। महिला के पति ने बच्ची को जंजीरों से अपने आंगन में बांधा था। महिला और उसके पति ने यजीदी बच्ची की मां को भी अपना गुलाम बनाया था।
साल 2021 में अंकारा में पकड़ी गई थी यह महिला
जेनिफर को साल 2016 में अंकारा में स्थित जर्मनी के दूतावास से हिरासत में लिया गया था और जर्मनी डिपोर्ट कर दिया गया था। दूतावास में वह अपनी पहचान के दस्तावेजों को रिन्यू करवाने की कोशिश कर रही थी। उसका पूर्व पति ईराक का नागरिक था जिसकी पहचान ताहा एआई-जे के रूप में हुई है। फ्रैंकफर्ट की एक अदालत ने उसे नवंबर 2021 में नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराधों और युद्ध अपराधों समेत कई मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
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