अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों को ड्रग्स तसकरी को लेकर चेतावनी दी थी. वहीं, इस मामले में ट्रंप द्वारा एक्शन भी लिया गया है. दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने एक स्टेटमेंट जारी कर बताया है कि उन्होंने कुछ भारतीय बिजनेस एग्जीक्यूटिव्स और उद्योग मालिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं. उन्हें भविष्य में भी वीजा नहीं दिया जायेगा. यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ है जो fentanyl precursors की तस्करी में शामिल पाए गए हैं.
दूतावास ने स्पष्ट किया है कि यह कदम ट्रैफिकिंग नेटवर्क्स के खिलाफ अमेरिकी सरकार की सख्त नीति का हिस्सा है. दूतावास की कांसुलर और डिप्लोमैटिक सिक्योरिटी टीम इस तरह के मामलों की लगातार जांच कर रही है.
ड्रग्स तस्करी करने वाले देशों की लिस्ट में भारत भी शामिल
अमेरिका ने 17 सितंबर 2025 को भारत को उन 23 देशों की लिस्ट में शामिल किया है, जहां ड्रग्स के अवैध उत्पादन और तस्करी की जाती है. ट्रंप ने कहा कि अवैध नशीली दवाओं और इनके निर्माण में इस्तेमाल केमिकल्स के उत्पादन और तस्करी के जरिए ये देश अमेरिका और उसके नागरिकों की सुरक्षा के समक्ष खतरा पैदा कर रहे हैं. अमेरिका ने कहा कि वह इस संबंध में सभी देशों पर निगरानी रख रहा है.
अमेरिकी दूतावास ने कहा कि कुछ भारतीय कंपनी अधिकारियों के वीजा रद्द करना अमेरिकियों को खतरनाक सिंथेटिक नशीले पदार्थों के खतरे से बचाने के वाशिंगटन के व्यापक प्रयास का हिस्सा है.
अमेरिकी दूतावास ने एक प्रेसनोट में कहा, “इस फैसले के बाद बिजनेस से जुड़े कुछ लोग और उनके रिश्तेदार सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के लिए अयोग्य हो जाएंगे.”
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गंभीर परिणाम भुगतने होंगे- ट्रम्प
फेंटेनाइल प्रीकर्सर की तस्करी करने वाली कंपनियों के अधिकारियों को भी अमेरिका के लिए वीजा आवेदन करते समय दूतावास द्वारा चिह्नित किया जाएगा. फेंटेनाइल और अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे की ओर ध्यान देते हुए, अमेरिकी दूतावास ने इससे निपटने में सहयोग के लिए भारत सरकार को भी धन्यवाद दिया.
प्रेसनोट में चार्ज डी’अफेयर्स जॉर्गन एंड्रयूज के हवाले से कहा गया, “संयुक्त राज्य अमेरिका में मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल व्यक्तियों और संगठनों को, उनके परिवारों के साथ, परिणाम भुगतने होंगे.”