Iran Bushehr Nuclear Power Plant: ईरान परमाणु बम बनाना चाहता है, लेकिन इजरायल और ईरानहीं चाहते कि ईरान परमाणु बम बनाए। इसलिए इजरायल ने गत 12 जून को ईरान के परमाणु ठिकाने ध्वस्त करने के लिए हमला किया। ईरान में 12 परमाणु ठिकाने फोर्डो, नतांज, इस्फहान, तेहरान, बुशेहर, कराज, अराक, अनराक, सगहंद, अरदकान, सिरिक, दरखोविन हैं, लेकिन इजरायल ने ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज, इस्फहान, अराक पर हमला किया। अमेरिका ने भी फोर्डो और नतांज न्यूक्लियर साइट को ईरान के सबसे बड़े परमाणु ठिकाने बताया।
Russia moving ahead with building new NUCLEAR reactors in Iran — IRIB News
Second and third reactors at the Bushehr Nuclear Power Plant on track for 2026-2027 launch pic.twitter.com/fzrIOmJ4Bu
---विज्ञापन---— RT (@RT_com) June 10, 2025
फोर्डो-नतांज पर अमेरिका ने किया था हमला
22 जून की अलसुबह अमेरिका ने ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर बमबारी की। नतांज न्यूक्लियर साइट पर मिसाइलें दागी। इजरायल और अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह करने के मकसद से ही हमला किया था, लेकिन ईरान के 12 परमाणु ठिकानों में से एक बुशहर न्यूक्लियर प्लांट भी है, जिसका जिक्र पूरे 12 दिन चली जंग में एक दिन भी नहीं किया गया। फोर्डो, नतांज पर हमले के बाद न्यूक्लियर रेडिएशन लीक नहीं हुआ, लेकिन अगर इस परमाणु ठिकाने पर हमला होता और रेडिएशन लीक होता तो ईरान समेत 5 खाड़ी देशों के लाखों लोग मारे जाते।
BREAKING: ⚠️
“If Iran’s nuclear power plant in Bushehr is attacked, the Persian Gulf’s water supply will be contaminated, and Qatar, Kuwait, and the UAE will run out of water within three days.”
Any nation that does this is evil.
pic.twitter.com/yXc3h7dWbU— ADAM (@AdameMedia) March 17, 2025
ईरान का ऑपरेशनल पावर प्लांट है बुशहर
बता दें कि बुशहर न्यूक्लियर पावर प्लांट ईरान का इकलौता ऑपरेशनल न्यूक्लियर रिएक्टर है, जो खाड़ी के किनारे बनाया गया है। अगर इस परमाणु ठिकाने पर हमला होता है तो रेडियोएक्टिव एलिमेंट हवा, मिट्टी के साथ-साथ समुद्र के पानी में फैल सकता है। इससे खाड़ी के किनारे बसे देशों कतर, बहरीन, UAE, और कुवैत को बड़ा नुकसान पहुंचेगा। दुनियाभर के वैज्ञानिकों का भी मानना है कि बुशहर पर हमला करना खतरनाक और बेवकूफी होगी। अगर किसी मिसाइल ने इसमें लगे रिएक्टर को भेद दिया तो जो रेडिएशन लीक होगा, उससे लाखों लोग मारे जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र संघ की अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के निदेशक राफेल ग्रॉसी भी कह चुके हैं कि खाड़ी तट पर स्थित रूस निर्मित बुशहर न्यूक्लियर प्लांट पर सीधा हमला होने से बहुत अधिक रेडियोधर्मिता उत्पन्न हो सकती है, जिसके परिणाम ईरान समेत कई देशों के भुगतने होंगे।
⚛️ Iran’s Bushehr Nuclear Power Plant began full operations in 2012 after decades of setbacks
🔧 Its long journey was disrupted by revolution, war, and shifting international partnerships pic.twitter.com/g44GKwHznP
— Anadolu English (@anadoluagency) June 20, 2025
खाड़ी देशों में कैसे फैलेगा रेडिएशन?
बता दें कि बुशहर न्यूक्लियर पावर प्लांट से रेडिएशन लीक हुआ तो समुद्र के पानी में फैलेगा। खाड़ी देश कतर, बहरीन, UAE, और कुवैत अपनी पीने के पानी की जरूरत समुद्र के पानी से करते हैं। यह देश समुद्र के खारे पानी को मीठा बनाकर इस्तेमाल करते हैं। अगर समुद्र के पानी में रेडियोएक्टिव मिल गया तो खाड़ी देशों को पीने का पानी मिलना बंद हो जाएगा। UAE में 80% से ज्यादा लोग पीने के लिए समुद्र के पानी पर निर्भर करते हैं, जबकि बहरीन और कतर तो पूरी तरह से समुद्र के पानी पर निर्भर हैं। अगर बुशहर प्लांट पर हमला होता है और वहां से रेडियोएक्टिव एलिमेंट समुद्र में फैलते हैं तो इन देशों की जीवनरेखा खतरे में पड़ जाएगी। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी अबू धाबी के प्रोफेसर निदाल हिलाल कहते हैं क अगर कोई भी ऑयल लीक, प्राकृतिक आपदा या परमाणु हमला डेसिलेशन प्लांट को प्रभावित करता है तो लाखों लोग एक झटके में पीने के पानी से वंचित हो जाते हैं।