Belgium Sex Workers Law: महिलाओं का जीवन काफी मुश्किल होता है। जो महिलाएं इंडिपेंडेंट होती हैं उनके ऊपर घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारी होती है। महिलाओं के सामने काम के साथ बच्चे पैदा करना, उनको पालना बहुत मुश्किल होता है। कामकाजी महिलाओं के लिए उनकी कंपनी सभी महिलाओं को 6 महीनों की मैटरनिटी लीव देती है। ये तो हुई सामान्य जीवन जी रही महिलाओं की बात। लेकिन उन महिलाओं का क्या होता है जो सेक्स वर्कर्स होती हैं, क्या उनको भी जरूरत के समय पर लीव मिलती है? आपको बता दें कि एक देश ऐसा है जहां पर सेक्स वर्कर्स को सामान्य महिलाओं की तरह ही लीव दी जाती हैं।
क्या है बेल्जियम का कानून?
सेक्स वर्कर्स पूरी दुनिया भर में होती हैं, उनकी जिंदगी को लेकर अक्सर कई दर्दनाक कहानियां सामने आती हैं। लेकिन बेल्जियम एक ऐसा देश है जहां पर सेक्स वर्कर्स के लिए कानून बनाया गया है। यहां पर सेक्स वर्कर्स को बाकी महिलाओं की तरह ही मैटरनिटी लीव दी जाती है। इसके अलावा उनको स्वास्थ्य बीमा, पेंशन, सिक लीव जैसी कई सुविधाएं दी जाती हैं। इसी के साथ ऐसा कानून बनाने वाला बेल्जियम दुनिया का पहला देश बन जाएगा।
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कितनी मुश्किल है सेक्स वर्कर्स की जिंदगी?
सेक्स वर्कर्स को लगातार काम करना पड़ता है। उनके काम में छुट्टियों का कोई नियम नहीं हैं। बीबीसी एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक सेक्स वर्कर अपने पेट को पालने के लिए प्रेग्नेंसी के आखिरी हफ्तों में भी काम करती है। सेक्स वर्कर्स के लिए रोजगार से जुड़े राइट और अनुबंध देने का काम दुनिया में पहली बार बेल्जियम ने किया है। इससे वहां की महिला वर्कर्स का जीवन काफी आसान हो जाएगा।
सेक्स वर्करों की मदद करने वाली NGO में काम करने वाली जूलिए क्रूमीयर ने वर्कर्स के लिए नौकरी की बात कही। उनका कहना है कि महिला वर्कर्स के लिए ये काफी खरतनाक काम है, जो कभी कभी इस पेश को हिंसक बना देता है। बहुत से सेक्स वर्करों को नौकरी मिलनी चाहिए।
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