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Lucknow: हॉस्टल में लटका मिला दिव्यांग छात्रा का शव, 4 साल पहले भी यहां हुआ था सुसाइड

Lucknow Crime News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय (DSMNRU) की 26 वर्षीय दिव्यांग (बोलने और सुनने में अक्षम) छात्रा अंजलि यादव शनिवार को छात्रावास के कमरे नंबर 212 में लटकी मिलीं। हॉस्टल में हड़कंप मच गया। हॉस्टल प्रबंधन और उसकी साथी छात्राओं द्वारा उसे लोक बंधु अस्पताल ले […]

Author Edited By : Naresh Chaudhary Updated: Sep 4, 2022 16:27

Lucknow Crime News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय (DSMNRU) की 26 वर्षीय दिव्यांग (बोलने और सुनने में अक्षम) छात्रा अंजलि यादव शनिवार को छात्रावास के कमरे नंबर 212 में लटकी मिलीं। हॉस्टल में हड़कंप मच गया। हॉस्टल प्रबंधन और उसकी साथी छात्राओं द्वारा उसे लोक बंधु अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

2018 में भी एक छात्रा ने लगाई थी फांसी

वहीं घटना के बाद छात्रावास में विशेष (दिव्यांग) छात्रों के लिए नियुक्त केयरटेकर पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। डीएसएमआरएनयू की छात्रों ने रात में ही मोहन रोड हाईवे पर जाम लगाते हुए न्याय दिलाने की मांग की। काफी छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप लगाया कि वर्ष 2018 में भी एक छात्रा ने गर्ल्स हॉस्टल में आत्महत्या की थी, लेकिन उसके मामले में भी कोई जांच नहीं की गई थी।

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बीएड दूसरे सेमेस्टर की छात्रा थी अंजलि

जानकारी के मुताबिक गोमतीनगर की रहने वाली अंजलि बीएड (द्वितीय) सेमेस्टर की छात्रा थी। साथी छात्राओं ने आरोप लगाया कि सेमेस्टर परीक्षा में एक विषय में अंजलि समेत कई बीएड छात्राओं के कम नंबर आए थे। छात्राओं ने पुनर्मूल्यांकन के लिए गुहार लगाई थी, जिसे विश्वविद्यालय अधिकारियों ने अनसुना कर दिया। आपको बता दें कि यहां छात्रावास की छात्राएं बोल नहीं सकती हैं। उन्होंने इशारों से ही आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अन्य छात्रा उनकी बातों के समझाया।

मदद करने में असफल रहीं दिव्यांग छात्राएं

हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं के मुताबिक वह बोल या सुन नहीं सकती हैं। जैसे ही उन्होंने अंजलि के बारे में जानकारी हुई तो उनके होश उड़ गए। वह किसी भी अधिकारी को फोन करने या अलार्म उठाने में असफलत थीं। किसी तरह से दरवाजा तोड़कर उन्होंने अंजलि को उतारा। वहीं लोकबंधु अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अंजलि को विश्वविद्यालय के गार्ड और छात्र रात करीब 9 बजे अस्पताल लेकर आए थे।

सुसाइड नोट नहीं मिला, पुलिस ने जांच शुरू की

सीएमओ ने बताया कि डॉक्टरों की ओर से पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रथम दृष्टया मामला फांसी का प्रतीत हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्ष 2018 में बीएड चौथे सेमेस्टर की छात्रा पारुल ने भी छात्रावास के कमरे नंबर 219 में आत्महत्या कर ली थी। वहीं एसीपी ने बताया कि आत्महत्या के बारे में सूचित किया गया था। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ था। मामले की जांच की जा रही है।

First published on: Sep 04, 2022 02:39 PM

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