Shamsuddin Rain: उत्तर प्रदेश की सियासत में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल, पार्टी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बाद उभरे पार्टी के मुस्लिम चेहरे शमसुद्दीन राईन को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
चौंकाने वाली बात ये है कि पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने से कुछ घंटे पहले ही मायावती ने उन्हें तीन महत्वपूर्ण मंडलों लखनऊ, कानपुर और आगरा की कमान सौंपी थी. अब यहां सवाल ये उठता है कि आखिर कुछ घंटों में ही ऐसा क्या हुआ कि शमसद्दीन राईन को पार्टी से बाहर करना पड़ा?
फिलहाल मायावती या राईन दोनों ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. पार्टी सूत्रों की मानें तो राईन को अनुशासनहीनता, गुटबाजी और मायावती का फोन न उठाने के चलते पार्टी से निकाला गया है. पहले भी राईन पर पैसे लेकर विधानसभा टिकट बेचने के आरोप लगते रहे हैं। 2022 विधानसभा चुनावों में उन पर 300 करोड़ रुपये में पार्टी के 50 टिकट बेचने का आरोप लगा था.
बसपा पार्टी में बाहर आई आंतरिक कलह, मायावती कैसे जीतेंगी 2027 यूपी विधानसभा चुनाव?
बहरहाल राईन को निकालने का कारण कुछ भी हो, ये घटना पार्टी में आंतरिक कलह को साफ जाहिर करती है. बता दें बसपा सुप्रीमो ने हाल ही में पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर कार्यकर्ताओं से यूपी में विधानसभा चुनाव 2027 के लिए काम करने और सत्ता में फिर वापसी का आह्वान किया था.
कौन हैं शमसुद्दीन राईन? क्या उनकी बर्खास्तगी से मुस्लिम वोटरों में असंतोष बढ़ेगा?
बसपा पार्टी नेताओं के अनुसार शमसुद्दीन राईन BSP के एक प्रमुख मुस्लिम नेता हैं, अब उन्हें निकाल दिया गया है. राईन उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं. वे OBC समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और बसपा पार्टी में संगठनात्मक भूमिकाओं में सक्रिय रह चुके हैं. राईन को बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का करीबी माना जाता था, लेकिन हाल ही की घटना ने उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यूपी में बसपा के लिए मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
बिहार चुनाव में कमजोर पड़ी बसपा ने यूपी में सख्ती कर दिए बड़े संकेत
राजनीतिक जानकारों की मानें तो बिहार चुनाव में कमजोर पड़ी बसपा ने यूपी में सख्ती बरत बड़े संकेत दिए हैं. मायावती का ये कदम बिहार चुनाव, मुस्लिम समाज में उनके वोट बैंक और यूपी विधानसभा चुनाव 2027 पर क्या असर डालता है ये आने वाला समय ही बताएगा. राईन की बर्खास्तगी से मुस्लिम वोटरों में असंतोष बढ़ सकता है, जो बीएसपी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.
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