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‘डूबते जोशीमठ’ में दरारों के साथ बढ़ रही दहशत, पलायन जारी, लोगों ने बताया आपदा का बड़ा कारण

Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में दिन प्रति दिन दहशत का माहौल बढ़ता जा रहा है। लोग प्रदेश सरकार से मदद के लिए विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। हालातों की गंभीरता को समझते हुए अब सरकार ने भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया है। बता दें कि जोशीमठ में 500 […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Jan 6, 2023 12:46
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Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में दिन प्रति दिन दहशत का माहौल बढ़ता जा रहा है। लोग प्रदेश सरकार से मदद के लिए विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। हालातों की गंभीरता को समझते हुए अब सरकार ने भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया है। बता दें कि जोशीमठ में 500 से ज्यादा घरों में दरारें (Sinking Joshimath) बढ़ती जा रही हैं।

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सुरक्षित स्थानों पर लोगों की शिफ्टिंग

जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से बचाव और राहत अभियान लगातार चलाए जा रहे हैं। जिन लोगों के घरों में दरारें आई हैं, उन्हें रैन बसेरों में शिफ्ट किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुवार तक 47 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सरकार ने बनाई विशेषज्ञों की टीम

राज्य सरकार ने पहाड़ी शहर जोशीमठ में जमीन धंसने के कारणों का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया है। ये टीमें घरों, जमीन और सड़कों में आई दरारों का अध्य्यन करेंगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी भी जोशीमठ की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक सीएम धामी आज देहरादून में जोशीमठ मामले को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक कर सकते हैं। साथ ही जल्द से जल्द जोशीमठ का दौरा भी करेंगे। सामने आया है कि भाजपा की एक टीम को भी यहां भेजा गया है।

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6 हजार फीट की ऊंचाई पर है जोशीमठ

बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले में 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब मार्ग पर जोशीमठ शहर है। यह उच्च जोखिम वाले भूकंपीय ‘जोन-वी’ में आता है। पिछले कुछ ही दिनों के भीतर शहर के विभिन्न इलाकों के 561 घरों में दरारें आ चुकी हैं।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया कि यहां के रविग्राम में 153, गांधीनगर में 127, मनोहरबाग में 71, सिंहधार में 52, परसारी में 50, अपर बाजार में 29, सुनील में 27, मारवाड़ी में 28 और 24 मकान प्रभावित हुए हैं। इतना ही नहीं, ये दरारें लगातार बढ़ती जा रही हैं।

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स्थानीय लोग कर रहे विरोध प्रदर्शन

बुधवार और गुरुवार रात को स्थानीय लोगों ने हाथ में मशाल लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। विरोध कर रहे लोगों ने इस घटना ‘डूबता जोशीमठ’ का नाम दिया है। बताया गया है कि यह एनटीपीसी की एक परियोजना को भी बंद कर दिया गया है।

स्थानीय लोगों ने तत्काल अपने पुनर्वास, बद्रीनाथ के लिए हेलंग और मारवाड़ी के बीच एनटीपीसी सुरंग, बाईपास सड़क के निर्माण को रोकने, एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना को बंद करने की मांग की है। लोगों का आरोप है कि इस आपदा के लिए ये सभी परियोजनाएं जिम्मेदारी हैं।

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Written By

Naresh Chaudhary

First published on: Jan 06, 2023 12:32 PM
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