Uttar Pradesh: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को मुरादाबाद की अदालत ने सोमवार को 2-2 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा 7 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया।
कोर्ट ने आजम और उनके बेटे की जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया और सजा पर अपील दाखिल करने के लिए एक महीने का समय दिया है।
फिलहाल अब अब्दुल्ला आजम की विधायकी का जाना तय हो गया है। वे पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से चुनाव जीते थे। बता दें कि आजम खान की सदस्यता पहले ही रद्द हो चुकी है।
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गाड़ी को रोका तो धरने पर बैठ गए थे आजम खान
दरअसल, 31 दिसंबर 2007 की रात रामपुर के सीआरपी ग्रुप केंद्र पर आतंकी हमला हुआ था। इसके बाद पुलिस आतंकवादियों की तलाश में गाड़ियों की चेकिंग कर रही थी। 2 जनवरी को आजम खान मुजफ्फरनगर के एक कार्यक्रम में जा रहे थे। तभी उन्हें मुरादाबाद के छजलैट थाने के सामने पुलिस ने रोक लिया। इसके विरोध में आजम खान अपने विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम खान के साथ धरने पर बैठ गए थे।
इसकी सूचना मिलते ही तमाम सपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। नारेबाजी करते हुए सड़क पर जाम लगाकर जमकर बवाल काटा था।
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इस मामले में पुलिस ने रामपुर के पूर्व विधायक आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी, पूर्व विधायक नईम उल हसन, विधायक मनोज पारस, महबूब अली, राजेश यादव, डीपी यादव, राजकुमार प्रजापति को आरोपी बनाया था।
2019 से चल रही थी लगातार सुनवाई
इस केस की सुनवाई 2019 से मुरादाबाद की एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही थी। विशेष लोक अभियोजक मोहन लाल विश्नोई ने बताया कि न्याय अधिकारी स्मृति गोस्वामी की कोर्ट ने आजम और अब्दुल्ला को दोषी करार दिया है। जबकि अन्य साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिए गए।
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