UP News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में हिंदू-मुस्लिम विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने जिले में बकरा ईद पर कुर्बानी का विरोध किया है। बकरा ईद पर पशुओं की कुर्बानी को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। अब वीएचपी के केंद्रीय प्रबंधन समिति के सदस्य और नेता डॉ. राजकमल गुप्ता का कुर्बानी पर बड़ा बयान आया है। उन्होंने कुर्बानी देने वालों पर पशु क्रूरता अधिनियम लागू कर जेल में डालने की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा कि बकरे के कान में छेद कर प्रतीकात्मक कुर्बानी भी की जा सकती है।
महापाप है पशुओं की हत्या
बकरा ईद पर कुर्बानी का विरोध करते हुए विहिप के नेता राजकमल गुप्ता ने कहा कि निरी पशुओं की हत्या करना महापाप है। इस देश में ऐसी हत्याएं नहीं होनी चाहिए। पशु क्रूरता अधिनियम सभी पर एक समान रूप से लागू होता है। क्या एक बेजुबान की कुर्बानी देना क्रूरता नहीं है? कुर्बानी देने वालों को पशु क्रूरता अधिनियम के तहत जेल में डाल देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कुरान में कहां बकरे की कुर्बानी का हवाला दिया गया है। आखिर हर साल कुर्बानी के नाम लाखों पशुओं की जान क्यों ली जाती है?
यह भी पढ़ें: Delhi Traffic Advisory: आज आईटीओ क्रॉसिंग से लेकर आईपी और विकास मार्ग समेत ये रास्ते रहेंगे बंद
प्रतीकात्मक कुर्बानी की अपील
इसके साथ ही विहिप नेता ने मुस्लिम समाज से प्रतीकात्मक कुर्बानी की अपील की है। उन्होंने कहा कि वह मुस्लिम समाज से अपील करते हैं कि वह बकरा ईद पर प्रतीकात्मक कुर्बानी दें। प्रतीकात्मक कुर्बानी का मतलब है… बकरे के कान में छेद कर दो या फिर हल्का कान काट दो। उन्होंने आगे कहा कि पर्यावरणविद भी सुन लें… जब होली आती है तब आप कहते हैं कि रंग मत लगाओ, जब दिवाली आती है तब आप कहते हैं पटाखे मत फोड़ो… लेकिन ये लोग कुर्बानी पर आखिर चुप्पी क्यों साध लेते हैं?