Kedarnath-Sonmarg Ropeway: बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के लिए श्रृद्धालूओं को कठिन चढ़ाई करनी होती है. हर साल लाखों लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं मगर हर पल यहां लैंडस्लाइड का खतरा बना रहता है. केदारनाथ मुख्य ज्योतिर्लिंगों में से एक है, ऐसे में इसका सुरक्षित होना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए मंदिर तक पहुंचने वाले रास्ते को सरल और सुरक्षित बनाना जरूरी होता है.
अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी प्रतिष्ठित रोपवे परियोजना के निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (NHLML) से लेटर ऑफ अवार्ड (LOA) प्राप्त हुआ है. यह प्रोजेक्ट न केवल आधुनिक इंजीनियरिंग का एक उदाहरण होगा बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था की यात्रा को अधिक सरल, सुरक्षित और तेज बनाने में सहायक होगा.
9 घंटे से 36 मिनट का होगा सफर
फिलहाल, केदारनाथ की यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण चढ़ाई पार करनी होती है, जिसमें 8 से 9 घंटे की कठिन पैदल या खच्चर यात्रा करनी होती है. इस रोपवे के शुरू होने के बाद यही दूरी केवल 36 मिनट में पूरी हो जाएगी. इसकी क्षमता प्रति घंटे प्रति दिशा 1800 यात्री होगी, जिससे हर साल आने वाले 20 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी.
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महंगी उड़नखटोले की सवारी से राहत
जो लोग पैदल यात्रा नहीं या लंबी दूरी की यात्रा नहीं कर पाते हैं. उन्हें हेलीकॉप्टर से यात्रा करनी पड़ती थी. हेलीकॉप्टर से यात्रा करना सबके बस की बात नहीं है क्योंकि ये बहुत महंगी होती है. रोपवे प्रोजेक्ट्स से लोग कम समय में कम पैदल यात्रा कर मंदिर पहुंच सकेंगे.
4,081 करोड़ का निवेश, 6 साल में पूरा होगा निर्माण
इस परियोजना में 4,081 करोड़ रुपयों का निवेश किया जा रहा है और इसे अडाणी एंटरप्राइजेज के सड़क, मेट्रो, रेल और जल प्रभाग के तहत विकसित किया जाएगा. निर्माण कार्य को पूरा होने में 6 वर्ष का समय लग सकता है. इसके बाद AEL अगले 29 सालों तक इसका संचालन और रखरखाव करेगी.
यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम पर्वतमाला का हिस्सा है और इसे PPP (Public-Private Partnership) मोड में NHLML के साथ राजस्व साझेदारी मॉडल पर विकसित किया जा रहा है.
रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा
इस रोपवे प्रोजेक्ट से सिर्फ यात्रा आसान नहीं होगी बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और उत्तराखंड में पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी. आधुनिक बुनियादी ढांचे से जुड़े इस काम से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती होगी.
अडाणी ग्रुप ने कही ये बात
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा’ केदारनाथ रोपवे केवल एक इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट नहीं है यह भक्ति और आधुनिक बुनियादी ढांचे के बीच एक सेतु है. इस यात्रा को सुरक्षित, तेज और सुलभ बनाकर हम श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान कर रहे हैं और साथ ही उत्तराखंड में नए अवसर पैदा कर रहे है.
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