---विज्ञापन---

10 नवजात बच्चों की मौत कैसे हुई? झांसी में मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रन वार्ड में कैसे भड़की आग?

Fire Incident in Hospital: मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रन वार्ड में बीती रात आग भड़कने से अफरा तफरी मच गई। अग्निकांड में 10 नवजात बच्चों की मौत हुई है और 16 बच्चे झुलसे हैं, लेकिन आग कैसे भड़की? आइए इस बारे में जानते हैं...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Nov 16, 2024 07:54
Share :
Jhansi Medical College Fire
आग बुझाते कर्मचारी और आग लगने से राख हुई मशीनें।

Jhansi Hospital Fire Incident Inside Story: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में बीती रात भीषण अग्निकांड हुआ। चिल्ड्रन वार्ड में आग भड़कने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। 16 बच्चे बुरी तरह झुलस गए और 37 बच्चों-लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया। ADG जोन कानपुर आलोक सिंह ने हादसे की पुष्टि की। झांसी के DIG कलानिधि नैथानी ने हादसास्थल का दौरा किया।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और डॉक्टर बात करने को तैयार नहीं हैं। कइयों के फोन बंद आ रहे हैं। हादसे के समय वार्ड में 47 बच्चे भर्ती थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताया और हादसे की जांच रिपोर्ट तलब की। साथ ही उन्होंने शोक संतप्त परिवारों से संवेदना जताई। DM झांसी द्वारा हेल्पलाइन नंबर 9454417618 जारी किया गया है, जिस पर हादसे संबंधी जानकारी मृतकों-घायलों के परिजन जे सकते हैं।

---विज्ञापन---

 

दम घुटने से हुई बच्चों की मौत

वहीं दूसरी ओर पुलिस सूत्रों के अनुसार, आधिकारिक रूप से 10 बच्चों की मौत आग लगने से फैसले धुंए में दम घुटने से हुई है, लेकिन 13 बच्चों की मौत होने की चर्चा है। 16 घायल बच्चों को इमरजेंसी में भर्ती किया गया है और डॉक्टरों की टीम देखभाल कर रही है। 37 बच्चों को वार्ड से निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है। झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में चिल्ड्रन वार्ड अलग बना हुआ है, जिसमें 52 बच्चे ही भर्ती हो सकते हैं।

इस वार्ड में सिर्फ एक ही गेट है और अगर दूसरा गेट होता तो शायद कुछ बच्चों की जान बचाई जा सकती थी। फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम ने वार्डरूम की खिड़कियां और दरवाजे तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला। एक बेड पर 2-2 और 3-3 बच्चे भर्ती थे। आग लगने के दौरान मची भगदड़ में बहुत से बच्चे भी बदल गए, जिसकी लड़की थी, उसको लड़का मिल गया। जिसका लड़का था, उसको लड़की मिली। हादसे के बाद पीड़ित परिवारों ने हंगामा भी किया।

 

इस वजह से लगी वार्ड में आग

झांसी के जिला मजिस्ट्रेट ने और ADG जोन कानपुर आलोक सिंह ने  कहा कि रात 10:30 से 10:45 बजे के बीच हादसा हुआ। मेडिकल हॉस्पिटल के चिल्ड्रन वार्ड की NICU यूनिट के अंदर शॉर्ट सर्किट हुआ था। इससे आग भड़की, जो गैस सिलेंडरों तक पहुंच गई। सिलेंडर फटते ही आग ने विकराल रूप ले लिया। हादसे के समय बच्चे इनक्यूबेटर में थे। फायर अलार्म नहीं बजा और आग पर काबू पाने के लिए लगे उपकरण भी काम नहीं कर रहे थे।

अगर अलार्म बजता तो समय रहते आग लगने का पता चल जाता। इतनी बड़ी घटना को होने से रोका जा सकता था। वार्ड से धुंआ निकलते देखा तो आग लगने का पता चला। अस्पताल का स्टाफ वार्ड की तरफ भागा, तब तक आग विकराल हो चुकी थी। आग की लपटें देखकर कोई अंदर नहीं घुस पाया। स्टाफ के पीछे-पीछे रोते-बिलखते बच्चों के परिजन भी थे। फायर ब्रिगेड के आने के बाद ही बचाव अभियान शुरू हो पाया, तब तक बच्चे मर चुके थे।

HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: Nov 16, 2024 06:11 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें