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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

जयपुर से अयोध्या तक राम दरबार की यात्रा, पत्थरों पर उकेरी जा रही आस्था

अयोध्या के राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित होने वाले राम दरबार और सप्त ऋषियों की मूर्तियां जयपुर में तैयार हो रही हैं। मकराना संगमरमर से बनी ये भव्य मूर्तियां मंदिर की आध्यात्मिक आत्मा को साकार करेंगी।

Author Reported By : kj.srivatsan Edited By : Hema Sharma Updated: Apr 18, 2025 12:13
Ayodhya Ram Mandir
Ayodhya Ram Mandir

Ayodhya Ram Mandir Murti Made In jaipur: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिष्ठा के बाद अब एक और भव्य अध्याय जुड़ने जा रहा है। जून महीने में राम मंदिर में राम दरबार और सप्त ऋषियों की 18 नई मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। खास बात यह है की राम मंदिर के पहले तल पर यह राम दरबार और उससे जुड़ी प्रतिमाओं की स्थापना जयपुर में हो रही है। इसे बनाने वाले पांडे मूर्ति भण्डार से जुड़े कारीगर दिन रात मेहनत कर भव्य दिव्य और आलौकिक मूर्तियों के निर्माण करने में जुटे हैं। आइए आपको दिखाते हैं ये विशेष रिपोर्ट…

राम मंदिर का जयपुर में लिखा जा रहा इतिहास

अयोध्या का भव्य श्रीराम मंदिर… जहां आस्था, परंपरा और अध्यात्म का संगम हो रहा है। रामलला की प्रतिमा की स्थापना के एक साल बाद अब मंदिर के प्रथम तल के निर्माण का काम भी पूरा होने वाला है जहां की लंका विजय के पश्चात भगवान राम के अयोध्या में राजतिलक और राम दरबार की झांकी प्रतिष्ठा के साथ सजाई जायेगी।

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यानी की अगले माह प्रस्‍तावित अभिषेक समारोह प्रतीकात्मक रूप से भगवान राम को ‘राजा’ के रूप में प्रतिष्ठित करेगा जो मंदिर की आध्यात्मिक कथा को रामलला के दर्शनों से उनके राजा होने तक ले जाएगा। इसे जीवंत करने के लिए ही गुलाबी शहर जयपुर में पांडे मूर्ति भण्डार के इसी शिल्प कारखाने में इस सभी मूर्तियों के निर्माण हो रहा है। यहां मूर्तियों में न सिर्फ पत्थर तराशे जा रहे हैं, बल्कि श्रद्धा, परंपरा और कला का एक नया इतिहास लिखा जा रहा है।

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9 मूर्तियां बनाने का मिला था निर्देश

राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कुल 19 मूर्तियां बनाने का निर्देश मिला था जिसमे से सप्त ऋषि की प्रतिमाएं बनाकर यहां से भिजवाई जा चुकी है और बाकी आलौकिक मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सफेद मकराना संगमरमर से तैयार की जा रहीं ये मूर्तियां न सिर्फ कला का अद्भुत नमूना हैं, बल्कि मनमोहक भी है। मुर्तिकार से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि “हम ये सिर्फ मूर्तियां नहीं बना रहे, ये हमारे लिए एक भक्ति का कार्य है। हर भाव, हर आकार में भगवान श्रीराम की गरिमा को उतारने का प्रयास कर रहे हैं। हम सप्त ऋषि की प्रतिमाओं का निर्माण कर भेज चुके है बाकी को भी जल्द भिजवा देंगे।

खास संगमरमर से बन रही हैं मुर्तियां

राम दरबार में सजने वाली सभी प्रतिमाएं प्राकृतिक चमक और एकसमान रंग वाले सफेद संगमरमर में बन रही है। जो की समय के साथ आसानी से टूटता या खराब नहीं होता। इस कारखाने में करीब 20 कारीगर दिन रात काम में जुटे हैं. मूर्तियों की ऊंचाई 3 से से 6 फीट के बीच होगी। राम दरबार की मुख्य मूर्ति लगभग करीब 5 फीट ऊँची होगी, जिसमें भगवान श्रीराम और माता सीता राज सिंहासन पर विराजमान होंगे। पास में लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और चरणों में हनुमान जी होंगे। सप्त ऋषियों की मूर्तियां पहले ही अयोध्या पहुंच चुकी हैं। इनमें महर्षि वाल्मीकि, विश्वामित्र, अगस्त्य, वशिष्ठ जैसे ऋषि शामिल हैं। मंदिर परिसर में सप्तऋषि मंडल उसी क्रम में स्थापित होगा, जैसा ब्रह्मांड में माना गया है। राम दरबार की सुंदरता को बढ़ाने के लिए कला की बारीकियों और अलंकार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

मंदिर की पहली मंजिल पर स्थापित होंगी ये मुर्तियां

मुर्तिकार ने बताया कि ये भव्य दिव्य और अलौकिक है। जिसे शब्दों में बयान करना संभव नहीं है। हमारी तीन पीढ़ियों के अनुभव और दक्षता को इसमें शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि मूर्तियां सिर्फ सौंदर्य का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि मंदिर की आध्यात्मिक आत्मा का हिस्सा हैं। इस कार्य को हमने पूजा की तरह किया है। ये मूर्तियां मंदिर की पहली मंजिल पर स्थापित की जाएंगी। वैसे भी कहा जाता है की राम दरबार किसी भी राम मंदिर में मंदिर का आध्यात्मिक हृदय होता है ऐसे में जयपुर के ये शिल्पकार इसे भव्य दिव्य और अलौकिक बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखे हैं. ऐसे में यह कहा जाना गलत नहीं होगा की अगले कुछ महीनों में जैसे-जैसे राम मंदिर पूर्णता की ओर बढ़ेगा, ये मूर्तियां उसकी आत्मा को और गहराई देंगी।

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Edited By

Hema Sharma

Reported By

kj.srivatsan

First published on: Apr 18, 2025 11:21 AM

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