नितिश कुमार/जौनपुर
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया। रेलवे ट्रैक पर लोहे का ड्रम रख दिया गया था, जिससे ट्रेन टकरा गई। हालांकि, लोको पायलट की सूझबूझ के चलते ट्रेन की रफ्तार धीमी कर दी गई और एक बड़ा हादसा टल गया। अब सवाल यह उठता है कि आखिर रेलवे ट्रैक पर यह ड्रम आया कैसे? पुलिस जांच में जो खुलासा हुआ, वह चौंकाने वाला था।
जिस ट्रैक पर लोहे का ड्रम रखा गया था, उसी पर एक मालगाड़ी आ गई और ड्रम से टकरा गई। टक्कर के बाद ड्रम के टुकड़े-टुकड़े हो गए। इस घटना के बाद मालगाड़ी करीब 40 मिनट तक ट्रैक पर खड़ी रही। ट्रेन चालक ने तत्काल रेलवे अधिकारियों को सूचना दी, जिसके बाद आरपीएफ ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई।
टला हादसा लेकिन पावर ब्रेक सिस्टम खराब
जांच में सामने आया है कि यह घटना बक्शा थाना क्षेत्र के वाराणसी-सुल्तानपुर रेल मार्ग पर ओका गांव के पास गुरुवार रात 9 बजकर 48 मिनट पर हुई। दो युवकों ने रेल पटरी पर लोहे का ड्रम रख दिया और वहां से फरार हो गए। उस समय एक पैसेंजर ट्रेन आने वाली थी, लेकिन संयोगवश मालगाड़ी आ गई, जिससे बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, टक्कर के कारण ट्रेन का पावर ब्रेक सिस्टम खराब हो गया।
दो गिरफ्तार
बताया जा रहा है कि आरोपियों की मंशा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की थी। पुलिस ने आरपीएफ की तहरीर पर अफजल अली और उसके पुत्र रियाज अली को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा 151 और 153 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है।
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सीओ सिटी परमानंद कुशवाहा ने बताया कि रेलवे द्वारा सूचना मिली कि बक्शा थाना क्षेत्र में रात 9:48 बजे रेलवे ट्रैक पर एक ड्रम रखा गया था, जिससे मालगाड़ी टकरा गई और पावर ब्रेक में खराबी आ गई। जांच में सामने आया कि दोनों युवक नशे के आदी हैं और ड्रम चोरी कर उसे बेचने की कोशिश में थे। जब मालगाड़ी आती दिखाई दी, तो डरकर ड्रम को ट्रैक पर ही फेंककर भाग गए। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।