---विज्ञापन---

गजब! एक महीने में MBBS की डिग्री मिल गई; न पढ़ाई न परीक्षा और…गुजरात का मामला, UP से कनेक्शन

Gujarat UP MBBS Degree Fraud Case: गुजरात में MBBS की डिग्री फर्जी होने का मामला सामने आया है, जिसका UP की यूनिवर्सिटी से कनेक्शन है। मामले में 5 साल बाद केस दर्ज हुआ है। आइए जानते हैं कि आखिर कैसे धोखाधड़ी की गई?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jun 18, 2024 10:04
Share :
MBBS Degree
MBBS Degree

ujarat MBBS Degree Fraud Case: न क्लास लगी, न पढ़ाई की और न ही एग्जाम दिए, सिर्फ 16 लाख रुपये देकर लड़के को MBBS की डिग्री मिल गई। वह डॉक्टर बन गया और 5 साल तक नौकरी करता रहा। अब NEET 2024 एग्जाम को लेकर विवाद छिड़ा और पूरे देश में जांच शुरू हुई। साथ ही पहले से दर्ज फर्जी MBBS डिग्री वाले केसों में एक्शन लिया गया।

साल 2019 में गुजरात में एक होम्योपैथ की डिग्री फर्जी होने का मामला सामने आया था। 5 साल बाद गत 14 जून को शिकायत पर एक्शन लेते हुए पुलिस ने FIR दर्ज की। गुजरात के मेहसाणा का मामला है। प्रेम कुमार राजपूत नामक नाम शख्स को 16.32 लाख रुपये देकर उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से MBBS की डिग्री ली। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने भी डिग्री कैंसिल कर दी।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें:हे भगवान! इतना क्रूर बाप…बेटी को दी प्यार करने की खौफनाक सजा, दम तोड़ने तक पास बैठा देखता रहा

50 हजार में दाखिला, 25 बार फोन पर बात

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को दी शिकायत में 41 वर्षीय सुरेश पटेल ने बताया कि जुलाई 2018 में वह MBBS करने के लिए इंटरनेट सर्फिंग कर रहे थे। इस दौरान उनकी नजर ऑल इंडिया अल्टरनेटिव मेडिकल काउंसिल नामक MBBS कोर्स कराने वाली वेबसाइट पर पड़ी। उन्होंने वेबसाइट पर मेंशन कॉन्टैक्ट पर्सन डॉ. प्रेम कुमार राजपूत को फोन किया। राजपूत ने उन्हें आश्वासन दिया कि मुझे 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर MBBS की डिग्री मिल जाएगी।

---विज्ञापन---

उन्होंने मामले में संदेह जताया तो आश्वासन दिया गया कि सब कुछ कानूनी होगा। इंटर्नशिप होगी, एग्जाम देंगे और 5 साल के अंदर डिग्री मिल जाएगी। सुरेश ने 50 हजार रुपये फीस भरी और झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया। राजपूत ने करीब 25 बार फोन पर बात की। उन्होंने बताया कि डॉ सौकेत खान, डॉ आनंद कुमार और अरुण कुमार कोर्स पूरा करने में मदद करेंगे।

यह भी पढ़ें:10000 फीट ऊंचाई, 300 मील की रफ्तार; जहाज की इमरजेंसी लैंडिंग कराई, रेस्क्यू के दौरान अग्निकांड में जिंदा जले 118 पैसेंजर

बैंक से सबूत जुटाकर शिकायत दर्ज कराई

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 10 जुलाई 2018 को उसने 16.32 लाख रुपये का भुगतान किया। 23 फरवरी, 2019 तक वह क्लास शुरू होने का इंतजार करता रहा, लेकिन कक्षाएं शुरू नहीं हुईं। मार्च 2019 में मुझे कूरियर से एक पैकेज मिला, जिसमें MBBS मार्कशीट, डिग्री सर्टिफिकेट, इंटर्नशिप सर्टिफिकेट और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट था। सभी पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) की मुहर लगी थी।

कंफर्म करने के लिए उसने MCI से संपर्क किया तो डिग्री फर्जी मिली। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। 2019 में अहमदाबाद अपराध शाखा को जांच सौंपी गई। 2019 में सुरेश मेहसाणा पुलिस टीम के साथ दिल्ली गया, जहां कथित तौर पर डॉ. आनंद कुमार रहते थे और संगठन चलाते थे, लेकिन उनके पते पर कोई नहीं मिला। बैंक जाकर सबूत जुटाए तो पता चला कि उन्होंने कई लोगों को भी ठगी का शिकार बनाया। दिसंबर 2023 में मेहसाणा SP कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।

यह भी पढ़ें:एयर इंडिया के खाने में ब्लेड मिला, पैसेंजरों ने खूब बवाल काटा, एयरलाइन को मांगनी पड़ी माफी

HISTORY

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Jun 18, 2024 08:49 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें