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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

मुक्त सिंह या मुकुट मणी त्रिपाठी…, इटावा में कथावाचक के निकले दो आधार कार्ड, एक साल में हुआ करेक्शन, जानें पूरा मामला

Etawah Storyteller Controversy: उत्तरप्रदेश के इटावा में कथावाचक से मारपीट मामले में लगातार सियासत हो रही है। इस बीच कथावाचक से जुड़ी अहम जानकारी सामने आई है। ऐसे में आइये जानते हैं पूरा मामला।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Jun 25, 2025 14:05
Etawah Storyteller Controversy
कथावाचक के दो आधार कार्ड जिसमें अलग-अलग नाम नजर आ रहा है। (Pic Credit-X)

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के इटावा में जाति पूछकर कथावाचक की पिटाई का मामले में अब सियासत तेज हो गई है। एक और ब्राहाण महासभा है तो दूसरी ओर समाजवादी पार्टी। सपा ने जहां कथावाचकों को सम्मानित किया है तो दूसरी ओर गांव की रेनू तिवारी और जयप्रकाश तिवारी मंगलवार शाम को एसएसपी से मिले और छेड़खानी मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की। इस बीच कथावाचक के दो-दो आधारकार्ड सामने आए हैं। इसको लेकर अब जांच शुरू हो गई है। दोनों का नंबर एक ही है, वहीं फोटो भी वहीं है लेकिन नाम अलग-अलग है। दोनों आधार कार्ड 2022 में ही बने हैं।

कथावाचक के दो आधार कार्ड

पहला आधार कार्ड 28 मार्च 2022 को जारी हुआ है। जिस पर नाम मुकुट मणी अग्निहोत्री लिखा है। जबकि दूसरा आधार कार्ड मुक्त सिंह नाम से है। यह आधार कार्ड 2022 में ही 10 अक्टूबर को जारी हुआ है। ऐसे में एक ही साल में दो अलग-अलग आधार कार्ड को लेकर बवाल मचा हुआ है। पहले वाले आधार कार्ड के अनुसार कथावाचक ब्राहाण है लेकिन दूसरे वार्ड आधार कार्ड में उसकी जाति का उल्लेख नहीं है। फिलहाल प्रशासन ने उसके आधार कार्ड की जांच शुरू कर दी है।

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जो कुछ हुआ वो ठीक नहीं था

उधर पीड़ित महिला रेनू तिवारी ने एसएसपी को दी शिकायत में बताया कि कथावाचक ने हमारी उंगली पकड़कर हमारे साथ बदतमीजी की। इस दौरान वहां जब इनकी सच्चाई सामने आई तो यह घटना हो गई। पीड़ित महिला और उनके पति जयप्रकाश तिवारी ने कहा कि जो कुछ हुआ वह ठीक नहीं था। हम इसकी निंदा करते हैं लेकिन छेड़खानी की जांच होनी चाहिए। कथावाचकों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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कथावाचकों ने हमको धमकाया

महिला रेनू तिवारी ने बताया कि पहले दिन कथा के बाद जब शाम को भोजन कर रहे थे तो कथावाचक ने मेरी उंगली पकड़ ली। जब हमने विरोध किया तो ये लोग हमे धमकाने लगे और कहने लगे कि हमारे संबंध अखिलेश यादव से है, हम तुम्हे घर से उठा लेंगे। उस समय पता चला कि ये लोग यादव हैं, मैं तो बाहर रहता हूं। इसके बाद स्थानीय लड़कों ने जो किया वो ठीक नहीं था। मैं बिल्कुल भी उसके पक्ष में नहीं हूं।

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First published on: Jun 25, 2025 02:04 PM

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