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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही! डिलीवरी करते हुए पेट में छोड़ा आधा मीटर कपड़ा, CMO समेत 6 पर FIR

Greater Noida News: डॉक्टरों की लापरवाही से एक महिला मौत के मुंह में चली गई थी, लेकिन किस्मत से उसकी जान बच गई. डिलीवरी करते हुए डॉक्टरों ने महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया. करीब डेढ़ महीने तक महिला पेट दर्द से जूझती रही. जांच कराने पर डॉक्टर की हरकत के बारे में पता चला और पुलिस को मामले की शिकायत दी गई.

Author Edited By : Khushbu Goyal
Updated: Dec 27, 2025 13:44
Surgery in greater noida
डेढ़ साल पहले हुई थी महिला की सर्जरी.

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में डिलीवरी के दौरान ऑपरेशन करते हुए महिला के पेट में कपड़ा छोड़ने का मामला सामने आया है. पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने पर पीड़ित ने कोर्ट में याचिका दायर की. कोर्ट के आदेश पर गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने CMO सहित 6 के खिलाफ FIR दर्ज की. जिस बैक्सन अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था, उसके डॉक्टर पर भी FIR दर्ज की गई है. नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र का मामला है और 14 नवंबर 2023 को डिलीवरी हुई थी.

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डेढ़ साल तक पेट दर्द से जूझती रही महिला

पुलिस ने बैक्सन अस्पताल की डॉक्टर अंजना अग्रवाल, डॉक्टर मनीष गोयल, स्वामी, CMO नरेंद्र कुमार, डॉक्टर चंदन सोनी जांच अधिकारी, डॉक्टर आशा किरन चौधरी जांच अधिकारी पर FIR दर्ज की है. शिकायत में बताया गया है कि करीब डेढ़ साल पेट में दर्द झेलने के बाद कैलाश हॉस्पिटल में जांच कराई तो अल्ट्रासाउंड में कपड़ा नजर आया, जिसे ऑपरेशन करके निकाला गया. डॉक्टरों ने लापरवाही बरतते हुए करीब आधा मीटर कपड़ा पेट में छोड़ दिया था.

नवंबर 2023 में डॉक्टरों ने की थी डिलीवरी

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क कोतवाली थाना क्षेत्र के तहत आने वाले डेल्टा-1 निवासी अंशुल वर्मा ने पुलिस को शिकायत दी है. शिकायत में बताया गया कि 14 नवंबर 2023 को तुगलपुर स्थित बैक्सन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉ. अंजना अग्रवाल ने अपनी टीम के साथ उसकी डिलीवरी की. 2 दिन बाद 16 नवंबर 2023 को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन महिला के पेट में तेज दर्द हुआ तो सोचा कि ऑपरेशन के कारण हुआ, लेकिन पेट दर्द होता रहा.

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महिला ने 3 अस्पतालों में कराई जांच-टेस्ट

पेट में दर्द होने के साथ-साथ पेट में गांठ भी महसूस होने लगी थी. दर्द बर्दाश्त करते-करते डेढ़ साल हो गया, लेकिन जब तकलीफ ज्यादा होने लगी तो 22 मार्च 2025 को यथार्थ अस्पताल में टेस्ट कराया गया, लेकिन डॉक्टर ने पेन किलर दे दी. पेन किलर लेने से भी आराम नहीं हुआ तो 7 अप्रैल 2025 को जिम्स अस्पताल में MRI समेत कई टेस्ट कराए गए, जिनकी रिपोर्ट नॉर्मल आई. 8 अप्रैल 2025 को नवीन अस्पताल ने अल्ट्रासाउंड और MRI कराने पर नॉर्मल रिपोर्ट आई.

सर्जरी करके निकाला गया था पेट से कपड़ा

पेट दर्द से आराम नहीं होने पर 14 अप्रैल 2025 को कैलाश अस्पताल पहुंची, जहां के डॉक्टरों ने पेट में गांठ बताई और सर्जरी कराने की सलाह दी. 22 अप्रैल 2025 को डॉ संचिता विश्वास ने ऑपरेशन किया, जिस दौरान पेट के अंदर करीब आधा मीटर लंबा कपड़ा मिला और पता चला कि डॉक्टर ने सर्जरी के दौरान कपड़ा पेट में छोड़ दिया था. मामला सामने आने के बाद बैक्सन अस्पताल मैनेजमेंट को डॉक्टर की शिकायत दी गई, लेकिन अस्पताल मामले को दबाने लगा.

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कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने की है कार्रवाई

गौतम बुद्ध नगर के CMO को डॉक्टर की लिखित शिकायत दी तो उन्होंने अधिकारी नियुक्त करके जांच करने के आदेश दे दिए. CMO ने सहयोग नहीं किया और जानबूझकर जांच को लटकाया. कपड़े की FSL जांच नहीं कराई और मामला दबाने का दबाव बनाया. दिसंबर 2025 में कोर्ट में याचिका दायर की और कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया. अब मामले में आगे की जांच की जा रही है.

First published on: Dec 27, 2025 01:10 PM

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