उत्तरप्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत शहर में इस भीषण गर्मी और उमस का असर अब धरती से सीधे मंदिरों तक पहुंच गया है। कोतवाली बड़ौत क्षेत्र स्थित पंचवटी मंदिर में भगवान को भी अब गर्मी सताने लगी है। इसी को ध्यान में रखते हुए मंदिर के महंत कुंदन भारद्वाज ने भगवान की सेवा में एक नया कदम उठाया है। मंदिर में भगवान की मूर्तियों के सामने अलग से फैन (पंखे) लगाए गए हैं, ताकि प्रभु को भी थोड़ी राहत मिल सके। उनका कहना है कि भगवान की सेवा में यह छोटा सा प्रयास भी बड़ी भक्ति का प्रतीक है।
महंत कुंदन भारद्वाज ने लिया निर्णय
बता दें कि गर्मी में आम आदमी ही नहीं, भगवान की मूर्तियां भी तपन से अछूती नहीं रहीं। दिन भर की चिलचिलाती धूप और मंदिर में उमस के कारण श्रद्धालुओं को भी परेशानी हो रही थी। इस पर महंत कुंदन भारद्वाज ने निर्णय लिया कि जिस प्रकार भक्तों को पंखों से राहत मिलती है, वैसे ही भगवान को भी शीतलता मिलनी चाहिए।
मंदिर में भगवान की मूर्तियों के सामने लगाए गए पंखे
भीषण गर्मी के नौतपा (नौ दिनों की तीव्र गर्मी) में भगवान को और अधिक राहत देने के लिए सिर्फ पंखे ही नहीं, बल्कि मूर्ति के पीछे की ओर छत्र (छतरी) भी लगाई गई है। यह छत्र न केवल गर्म हवाओं से सुरक्षा देती है, बल्कि यह पारंपरिक सम्मान का प्रतीक भी है। महंत का मानना है कि यह सेवा केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव की मिसाल है।
भगवान की सेवा करना भक्ति का है प्रतीक
बता दें कि अब मंदिर परिसर में भगवान के आगे विशेष रूप से छोटे फैन लगाए गए हैं, जो लगातार चल रहे हैं। यह दृश्य न केवल श्रद्धा से भरा है, बल्कि एक मुस्कान भी ला देता है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं में विनोद गोयल, लोकेश गर्ग, संजीव गोयल, अनुज गुप्ता और पंकज अग्रवाल ने भी इस पहल की सराहना की है। उनका कहना है कि भगवान की सेवा में यह छोटा सा प्रयास भी बड़ी भक्ति का प्रतीक है।
पंचवटी मंदिर चर्चा का विषय
इस तरह की पहल यह दिखाती है कि भक्ति सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि भगवान की सेवा में सुविधा और सम्मान की भावना भी उतनी ही जरूरी है। पंचवटी मंदिर की यह अनोखी पहल अब चर्चा का विषय बनी हुई है और अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।