Akhilesh Yadav UP Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद केंद्र में एनडीए सरकार बनाने की तैयारियां कर रहा है। जानकारी के अनुसार एनडीए के सांसदों की 07 जून को दिल्ली में बैठक होगी। इसके बाद पीएम मोदी राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इस बीच चुनाव नतीजों को लेकर यूपी में बड़ी हलचल है। कन्नौज से सांसद चुने गए अखिलेश यादव के सामने भी एक बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है कि वे करहट सीट छोड़ेंगे या कन्नौज। बता दें कि अखिलेश यादव मैनपुरी जिले की करहल सीट से मौजूदा विधायक भी हैं। ऐसे में सपा मुखिया को कुछ दिनों में यह निर्णय करना होगा कि वे विधायक रहना चाहते हैं या सांसद।
जानकारों की मानें तो अखिलेश अगर करहल सीट छोड़ते हैं तो उनकी पार्टी को बीजेपी से कड़ी चुनौती मिलना तय है और अगर वे कन्नौज सीट छोड़ते हैं तब भी टक्कर उनकी बीजेपी से ही होगी। यूपी में 37 सीटें जीतकर सपा, भाजपा और कांग्रेस के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। ऐसे में अखिलेश की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए लग रहा है कि वे कन्नौज सीट से सांसद बने रहेंगे। हालांकि इससे पहले जब कभी भी उनसे पूछा गया तो उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में आने से इंकार कर दिया था।
इस शहर को कौन छोड़ना चाहेगा?
लोकसभा चुनाव के नतीजों से कुछ दिन पहले उनसे पूछा गया कि अगर वे कन्नौज जीत जाते हैं तो क्या वे विधायक बने रहेंगे? इस पर उन्होंने कहा था कि करहल के लोग जानते हैं कि क्या होगा? ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि करहल में कार्यकर्ताओं से संवाद के बाद ही अखिलेश कन्नौज से सांसदी का चुनाव लड़े थे। इससे पहले मीडिया में कई बार अखिलेश कह चुके हैं कि लखनऊ-लखनऊ है। इस शहर को कौन छोड़ना चाहेगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि कोई भी दिल्ली जाकर लखनऊ वापस आ सकता है। ऐसे में जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार अखिलेश को 14 दिन में यह तय करना होगा कि वे सांसद रहना चाहते हैं या विधायक?
देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी सपा
बता दें कि हाल ही में घोषित हुए लोकसभा चुनाव नतीजों में इंडिया गठबंधन ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी है। सपा ने इस चुनाव में अकेले 36 सीटें जीती हैं। जबकि इंडिया गठबंधन को यूपी में 43 सीटें मिली हैं। भाजपा की अनुवाई वाले NDA को 36 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। ऐसे में अगर अखिलेश कन्नौज का चुनाव करते हैं तो संभावना है कि करहल सीट से वे तेज प्रताप यादव को उतार सकते हैं। तेज प्रताप करहल में अखिलेश के प्रभारी हैं। इससे पहले सपा प्रमुख ने तेज प्रताप को कन्नौज सीट से चुनाव में उतारा था। वहीं अखिलेश अगर दिल्ली जाते हैं तो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर शिवपाल यादव को मौका मिल सकता है।
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