Shivraj cabinet decisions: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। शिवराज सरकार ने प्रदेश में एक विभाग का नाम बदल दिया है, जबकि प्रदेश में सरकारी पदों पर होने वाली भर्तियों को लेकर भी चर्चा हुई है।
इस विभाग का बदला गया नाम
शिवराज कैबिनेट में चर्चा के बाद सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग का नाम बदलकर सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग करने का फैसला किया गया है, नरोत्तम मिश्रा ने इस बात की जानकारी दी है। इसके अलावा प्रदेश में सीएम राइज स्कूल योजना के तहत सर्वसुविधा युक्त स्कूलों के निर्माण के लिए 266.66 करोड का बजट भी पास किया गया है। सीएम शिवराज ने प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में जो नए 275 स्कूल विकसित किए जा रह हैं, उनमें गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए और तय समय से पूरा काम होने के साथ-साथ जल्द से जल्द उनकी डीपीआर भी बननी चाहिए।
50 हजार शिक्षकों की होगी भर्ती
इसके अलावा प्रदेश में 50 हजार शिक्षकों की भर्ती का फैसला भी लिया गया है, बता दें कि प्रदेश में लागू हुई नई शिक्षा प्रणाली के तहत यह फैसला होगा, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों की व्यवस्था पूरी तरह से बदलनी है, वह दिन भी आयेगा जब लोग निजी स्कूलों से अपने बच्चों को निकाल कर सरकारी स्कूलों में डालेंगे, इसलिए प्रदेश में जल्द ही 50 हजार नए शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
इन अहम फैसलों पर भी लगी मुहर
जनवरी में मध्य प्रदेश में खेलों इण्डिया के 178 करोड़ रुपए की राशि को सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति
बेरोजगार युवाओं के लिए विदेश में स्व रोजगार उपलब्ध करवाने का निर्णय
पिछड़े वर्ग के बच्चों को रोजगार प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजने की कार्य योजना को स्वीकृति
स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के अंदर भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रस्ताव पास हुआ है
226 स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन होगा, इसका प्रस्ताव भी पारित
कान नदी का जल क्षिप्रा में नहीं मिले, इसके लिए 598 करोड़ रुपए की परियोजना को मंजूरी
पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए नई योजना को दी गई स्वीकृति
ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के लिए 198 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई
इसके अलावा कैबिनेट बैठक में जर्जर इमारतों को तोड़कर उनके स्थान पर बहुमंजिला इमारत बनाने के फैसले को भी स्वीकृति दी गई है। इसमें शहरी क्षेत्र की 30 साल पुरानी जर्जर इमारतों को शामिल किया जाएगा। जबकि अन्य कई योजनाओं पर भी बैठक में चर्चा हुई है, जिन्हें अगली बैठक तक अमल में लाया जाएगा।