Rajasthan News : केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शनिवार को टोंक में थे। यहां पर वे जन आक्रोश सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस तरह बिना कानूनी औपचारिकताएं पूरी किए बिना नगर पालिका किसी मकान का नक्शा पास नहीं कर सकती, वैसे ही बिना कानूनी औपचारिकता पूरी किए केंद्र सरकार चाहते हुए भी ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दे सकती है। शेखावत ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार पानी से जुड़े किसी भी मुद्दे पर काम कम और राजनीति ज्यादा कर रही है। इसी प्रकार जल जीवन मिशन में पूरे देश में सबसे कम काम राजस्थान में ही हुआ है।
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ईआरसीपी को बना दिया राजनीति की फुटबॉल
शेखावत ने कहा कि मोदी सरकार नदियों को जोड़ने का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना पूरा कर रही है। यह परियोजना ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने से ज्यादा सस्ती है। इसमें 90 प्रतिशत पैसा केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि पहले वाली परियोजना में 60:40 का अनुपात था। इसके बाजवूद गहलोत सरकार ईआरसीपी को राजनीति की फुटबॉल बनाकर लोगों को गुमराह कर रही है।
पांच हजार करोड़ ही खर्च पाई सरकार
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन में मैंने व्यक्तिगत रुचि लेकर राजस्थान के लिए 27 हजार करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत कराया, जो कई राज्यों से ज्यादा था, लेकिन ये सरकार ने मात्र पांच हजार करोड़ रुपये खर्च पाई। घर-घर पानी पहुंचाने के मामले में राजस्थान पूरे देश में नीचे से दूसरे नंबर पर है।
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गहलोत सरकार के खिलाफ है आक्रोश
शेखावत ने कहा कि प्रदेश में किसान, युवा, महिला सहित सभी वर्गों में गहलोत सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। इस सरकार ने चार साल में हर वर्ग के साथ धोखा किया है। किसानों का कर्जा माफ नहीं किया। खाद की कालाबाजारी हो रही है। बिजली के बिल माफ नहीं किए। किसानों को रात में बिजली दी जा रही है। युवकों को बेरोजगार भत्ता नहीं दिया। महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए राजस्थान की जनता में भयंकर गुस्सा है। इस जनाक्रोश को ज्वालामुखी के रूप में संचित करके इस सरकार को उखाड़ फेंकना है।
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