राजस्थान में उदयपुर जिले के मावली की सेशन कोर्ट ने एक ऐसे पति को फांसी की सजा सुनाई है, जिसने अपनी ही पत्नी को गोरी बनाने के नाम पर धोखे से जिंदा जला डाला। आरोपी किशनलाल पत्नी को काली और मोटी कहकर ताने देता था और इसी हीन मानसिकता ने उसे हैवान बना दिया। शनिवार को कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह अपराध सिर्फ पत्नी लक्ष्मी के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरी मानवता के खिलाफ है। कोर्ट ने आरोपी को मौत तक फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है।
गोरे करने की दवाई देकर जिंदा जलाया
उदयपुर के मावली सेशन कोर्ट ने एक ऐतिहासिक और कड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी पति किशनलाल को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने साफ कहा कि इस तरह का अपराध सिर्फ एक महिला के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे समाज और मानवता के खिलाफ है। दरअसल, मामला वल्लभनगर थाना क्षेत्र के नवानिया गांव का है। यहां किशनलाल नामक युवक अपनी पत्नी लक्ष्मी को काली और मोटी कहकर अक्सर ताने मारता था। पति का यह अमानवीय व्यवहार धीरे-धीरे घातक रूप में सामने आया। 24 जून 2017 की रात किशनलाल ने अपनी पत्नी को अपने शरीर पर एक दवाई लगाने के लिए कहा, और कहा कि इससे वह गोरी हो जाएगी। लेकिन दवाई जहरीला केमिकल निकली।
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पत्नी को धोखे से जिंदा जलाया
बताया जाता है कि केमिकल लगाने के बाद पति ने अगरबत्ती जलाई और पत्नी के शरीर ने आग पकड़ ली। यहीं नहीं, उसने बोतल में बचा हुआ केमिकल भी उस पर डाल दिया, जिससे आग और भड़क गई। जलती हुई लक्ष्मी को ससुराल वालों ने पानी डालकर बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। मरने से पहले महिला ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दिया, जिसमें उसने पति की करतूत का पूरा सच बयां किया।
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50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया
सरकारी वकील दिनेश पालीवाल ने बताया कि जज राहुल चौधरी ने कहा है कि आरोपी को सुधारने का कोई कारण नहीं है, उसका अपराध इतना जघन्य है कि उसे माफ नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाते हुए 50 हजार रुपए जुर्माना और एक साल का कठोर कारावास भी दिया।










