Rajasthan police leave policy: राजस्थान में विधानसभा का सत्र चल रहा है। इसी क्रम में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने से जुड़ा एक प्रश्न पूछा गया। इस पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेडम ने कहा कि पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने का फिलहाल कोई प्रस्ताव उनके समक्ष विचाराधीन नहीं है। विधानसभा में जवाब देते हुए बेडम ने कहा कि पुलिसवालों को बाकी के सभी सरकारी कर्मचारियों की तुलना में साल में 15 की बजाय 25 छुट्टियां दी जा रही है। पुलिसवालों को दी जाने वाली छुट्टियां बाकी राज्यों की तुलना में राजस्थान में सबसे ज्यादा है। ऐसे में हर सप्ताह अवकाश दिया जाना संभव नहीं है।
साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था की थी-कांग्रेस
गृह राज्य मंत्री के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था की थी। राजस्थान के एक थाने में इसे लागू भी किया गया था। जोकि काफी सफल रहा था। ऐसे में सरकार को इसे सभी थानों में लागू करना चाहिए।
इस पर गृह राज्य मंत्री बेडम ने पलटवार करते हुए कहा कि यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक थाने में लागू की गई थी। पुलिस का काम ही ऐसा है उन्हें हर रोज 24 घंटे मुस्तैद रहना पड़ता है, ऐसे में साप्ताहिक अवकाश दिया जाना संभव नहीं है।
पुलिसवालों की उम्मीदों को लगा धक्का
सरकार के विधानसभा में इस जवाब से सूबे में काम कर रहे राजस्थान पुलिस के 1,10,153 कर्मचारियों को धक्का लगा है।जानकारी के मुताबिक इनमें 195 भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और 876 राजस्थान पुलिस सेवा (आरपीएस) अधिकारी शामिल है । इसके अलावा, 4661 उप निरीक्षक, 12056 सहायक उप निरीक्षक, 21116 मुख्य आरक्षी और 75625 आरक्षी भी लंबे वक्त से अपने लिए साप्ताहिक का अवकाश की मांग कर रहे थे और सरकार के इस बजट से होने काफी उम्मीदें भी थी।
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पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की थी शुरुआत
राजस्थान पुलिस के डीजीपी जब उमेश मिश्रा थे तो उन्होंने प्रदेश के हर जिले के एक थाने से साप्ताहिक अवकाश का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कही थी। अजमेर जिले में पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, अक्टूबर 2023 से यह सुविधा बंद है और अभी तक इसे फिर से चालू नहीं किया गया है। साप्ताहिक अवकाश के पीछे तर्क यह दिया गया था कि पुलिसकर्मियों के पारिवारिक और सामाजिक जीवन में सौहार्द विकसित हो। इस योजना के तहत, कॉन्स्टेबलों को रात्रि ड्यूटी के बाद अगले दिन अवकाश दिया जाना था।