Rajasthan CM Candidate, जयपुर: तारीख पर तारीख-तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख मिल रही है, लेकिन सवाल का जवाब नहीं मिल रहा। सवाल है, राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन? इसको लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समेत कई बड़े चेहरों को लेकर जारी अटकलों के बीच विधायक दल की बैठक को लेकर नई तारीख आई है। उम्मीद है कि इस सवाल का जवाब शायद मंगलवार 12 दिसंबर को होने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक दल की बैठक के बाद मिल ही जाएगा।
बता दें कि देश के पांच राज्यों में से चार में बीती 3 दिसंबर को तो एक में 4 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो गए थे। इनमें से तीन प्रमुख राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में असमंजस की स्थिति बन गई कि बहुमत पा चुकी भाजपा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर किसे बिठाएगी। इसको लेकर हफ्तेभर की मैराथन मीटिंग्स के बाद रविवार को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री तय कर लिया गया है, वहीं राजस्थान और मध्य प्रदेश में यह सस्पेंस अभी भी बरकरार है।
बात करें राजस्थान की तो जयपुर से लेकर दिल्ली तक आला नेता 3 दौर की बैठकें भी कर चुके हैं। इस बीच शुक्रवार को पार्टी ने आलाकमान ने प्रदेश में सीएम के नाम पर मुहर लगाने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडे और महासचिव तावड़े तीन नेताओं को पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त कर दिया। अब तीनों पर्यवेक्षक पार्टी आलकमान के फैसले से विधायकों को अवगत कराएंगे और उस पर उनकी राय जानेंगे।
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पर्यवेक्षकों की विधायक दल के साथ बैठक को लेकर पहले जानकारी आई कि रविवार शाम तक ये नेता जयपुर पहुंच जाएंगे और सोमवार को बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला आ सकता है, लेककिन शाम होते-होते यह बात मंगलवार पर जाकर टल गई। माना जा रहा है कि मंगलवार को प्रदेश के भाजपा मुख्यालय में विधायक दल की बैठक में तीनों पर्यवेक्षकों के अलावा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और संगठन से जुड़े आला नेता भी मौजूद रहेंगे।
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इन चेहरों की भी चर्चा
उधर, मुख्यमंत्री के रूप में नेताओं के चयन की बात की जाए तो प्रदेश की दो बार सीएम सीएम वसुंधरा राजे इस दौड़ में सबसे आगे मानी जा रही हैं। ऐसा करके पार्टी गुटबाजी और अनुभवहीनता दोनों मुद्दों पर पार पा सकती है। कुछ महीने बाद ही देश में लोकसभा चुनाव होने हैं ऐसे में पार्टी चाहेगी कि कोई ऐसा चेहरा ही सीएम बने जो पार्टी को पूरी 25 सीटें दिला सके। दरअसल, इससे पहले भाजपा 2014 और 2019 में प्रदेश की सारी सीटें जीत चुकी है। इधर वसुंधरा राजे भी सीएम बनने की पूरी तैयारी कर चुकी है। चुनाव परिणाम के बाद करीब 47 विधायक उनसे मिलने जयपुर स्थित आवास पहुंचे थे। उनमें से कुछ विधायकों ने तो राजे को सीएम बनाने की पैरवी भी की थी।
दूसरी ओर पूर्व सीएम वसुंधरा के अलावा और कई चेहरे हैं जो सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं उनमें बाबा बालकनाथ, दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, ओम माथुर और ओम बिड़ला का नाम शामिल हैं। हालांकि पीएम मोदी अपने चौंकाने वाले रवैये के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में वे किसी ऐसे चेहरे को भी उतार सकते हैं जो राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं जिसमें कई केंद्रीय मंत्री और संगठन के नेता शामिल हैं।