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Rajasthan BJP: वह लोगों के दिलों में राज करती हैं, पोस्टर की राजनीति में नहीं… वसुंधरा की पोस्टरों में हुई वापसी

Rajasthan BJP: राजस्थान के विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम का वक्त बचा है। भाजपा ने भी चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया। पिछले चार वर्षों से राजस्थान की राजनीति से गुटबाजी की खबरें लगातार सामने आती रही। लेकिन अब अचानक एक पोस्टर ने सबको चौंका दिया है। […]

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Jan 27, 2023 14:18
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Rajasthan Bjp, Vasundhara Raje
Rajasthan Bjp, Vasundhara Raje

Rajasthan BJP: राजस्थान के विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम का वक्त बचा है। भाजपा ने भी चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया। पिछले चार वर्षों से राजस्थान की राजनीति से गुटबाजी की खबरें लगातार सामने आती रही। लेकिन अब अचानक एक पोस्टर ने सबको चौंका दिया है।

भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर लगे पोस्टर में वसुंधरा राजे की फिर से वापसी हो गई है। (Rajasthan BJP) सतीश पूनिया के अध्यक्ष बनने के बाद नाराज वसुंधरा ने पोस्टरों से अपनी तस्वीर हटा ली थी।

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समर्थकों में खुशी की लहर

पोस्टर में वापसी के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर है। बता दें कि वसुंधरा कैंप के नेता सीएम फेस बनाने की मांग लंबे समय से कर रहे है। उनके समर्थकाें को लगता है पार्टी आलाकमान उन्हें ही (Rajasthan BJP) विधानसभा चुनाव 2022 का सीएम फेस घोषित करेगी। लेकिन इसको लेकर केवल सियासी कयासबाजियां ही लगाई जा रही है।

पार्टी आलकमान सभी नेताओं को गुटबाजी छोड़कर एक साथ चुनाव में जुटने की नसीहत पहले ही दे चुका। प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया लगातार कहते रहे हैं कि विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा और मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी का ससंदीय बोर्ड तय करेगा।

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वसुंधरा मजबूरी नहीं मजबूती

पाॅलिटिकल पंडितों की माने तो राजस्थान में भैंरोसिंह शेखावत के बाद अगर कोई लोकप्रिय चेहरा हैं तो वह केवल वसुंधरा राजे का है। क्याेंकि पार्टी के अन्य नेता वसुंधरा की तरह भीड़ नहीं जुटा पाते।

मिसाल के तौर पर देखे तो जनाक्रोश अभियान को ही देखिए। पूरे अभियान के दौरान वसुंधरा जनाक्रोश रैलियों से गायब रही। इतना ही अपने क्षेत्र झालावाड़ में भी वही इतना सक्रिय नहीं दिखी। इसका खामियाजा यह हुआ कि पार्टी को अभियान के बीच में ही इसे लेकर रिव्यू मीटिंग तक करनी पड़ी।

वसुंधरा की सक्रियता ही पार्टी में नई जान फूंक सकती हैं। इसके अलावा पार्टी को कई उपचुनावों में भी हार का सामना करना पड़ा। यह और बात है कि 2018 के विधानसभा चुनावों की रैलियों में वसुंधरा तेरी खैर नहीं, मोदी तुझसे बैर नहीं जैसे नारे सुनने को मिलते थे।

यह बीते जमाने की बात हो चुकी है। जानकार भी यही मानते हैं कि वसुंधरा की अनदेखी करना पार्टी की सेहत के लिए ठीक नहीं होगा।

2021 में कहा था- वह दिलों में राज करती हैं

सतीश पूनिया के पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद वसुंधरा राजे की पोस्टरों पर तस्वीरें गायब हो गई। इस पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा था कि वह लोगों के दिलों में राज करती हैं। पोस्टर की राजनीति में नहीं।

उन्होंने 30 साल में आमजन के दिलों में जगह बनाई है। उन्होंने कहा था कि मेरी मां राजमाता सिंधिया हमेशा कहा करती थी कि लोगों के दुख दर्द बांट कर उन्हें अपने गले से लगाओ।

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Jan 27, 2023 12:39 PM
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