Rajasthan Election 2023: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजस्थान के 2 नेताओं को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति में सदस्य नियुक्त किया है। पहले राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा और दूसरे विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया। बीकानेर में पीएम मोदी की सभा के बाद यह नियुक्ति की गई। इसको लेकर अब पाॅलिटिकल पंडित सियासी मायने भी निकाल रहे हैं।
किरोड़ीलाल को मिला विरोध प्रदर्शनों का इनाम
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो चुनाव से पहले दो नेताओं को राष्ट्रीय कार्यसमिति में शामिल करना एक बहुत बड़ा कदम है। सांसद डा. मीणा भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर हर समय कांग्रेस सरकार को घेरते रहते हैं। हर मुद्दे पर लोगों को राहत दिलाने के लिए धरना-प्रदर्शन करते रहते हैं। पार्टी ने उनको राष्ट्रीय कार्यसमिति में शामिल कर कद बढ़ाया है। वहीं दूसरी ओर यह भी माना जा रहा है कि गुटबाजी की राजनीति को खत्म करने के लिए आलाकमान ने यह कदम उठाया है। पूनिया और किरोड़ी लाल को शेखावत गुट का सिपहसालार माना जाता है। ऐसे में दोनों नेताओं का कद बढ़ाकर नाराजगी कम करने की कोशिश की गई है।
पूनिया के सहारे जाटों को साधने की कोशिश
वहीं दूसरी ओर सतीश पूनिया को भी राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया। पिछले दिनों जब पूनिया का 3 साल का कार्यकाल समाप्त हो गया तो पार्टी ने पूनिया के स्थान पर सीपी जोशी को पार्टी का नया प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके बाद यह माना जा रहा था कि जाट समाज में इस कदम से नाराजगी है। बीजेपी ने उनको राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाकर उनका बढ़ाने की कोशिश की है।
हालांकि पूनिया जब अध्यक्ष थे तब भी पार्टी में एकजुटता का अभाव था। किरोड़ीलाल मीणा हो या राजेंद्र राठौड़ पार्टी गुटबाजी की राजनीति में फंसी हुई थी। हालांकि सीपी जोशी को अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने इस नाराजगी कुछ हद तक दूर करने की कोशिश की है। चुनावी लिहाज से बीजेपी ने मीणा और जाट समाज दोनों को साधने की कोशिश की है।