BJP New Royal Face Diya Kumari: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर काफी हलचल देखने को मिल रही हैं। इस बार भाजपा ने चुनाव के लिए अपने कुछ दाव बदले है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जगह एक नए शाही चेहरे को लाने की कोशिश कर रहे हैं। जिसके जरिए वो महिलाओं और राजपूत निर्वाचन क्षेत्रों को आकर्षित कर सके। हाल ही में भाजपा ने सीटों की घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने जयपुर राजघराने की दीया कुमारी को भाजपा की सुरक्षित विधानसभा सीट विद्याधर नगर से टिकट देने की घोषणा की थी।
भाजपा में शामिल हुई दीया कुमारी
दीया कुमारी 2013 में भाजपा में शामिल हुई थी। राजस्थान के सवाई माधोपुर से उन्होंने अपना पहला चुनाव लड़ा था। जिसमें दीया कुमारी ने 37 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल कर अपनी जीत दर्ज की। राजनीतिज्ञों का मानना है कि दीया कुमारी भले ही राजपूत समुदाय से ज्यादा वोट न ले पाए, लेकिन गुज्जर, मुस्लिम, ब्राह्मण, वैश्य और जाट जैसी अन्य जातियों के बीच उनकी काफी मजबूत पकड़ है। दीया कुमारी मतदाताओं के बीच ‘आम’ बनने में पूरी तरह से सक्षम है और कई बार वो इसको लेकर सामने भी आती रही है।
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हर चुनाव में मिली जीत
चुनाव के दौरान दीया कुमारी की जीत हर हाल में जारी रही, तीन बार सीट बदले जाने के बावजूद चुनाव में दीया कुमारी की जीत पर कोई फर्क नहीं पड़ा। पहले वो एक विधायक बनी, उन्होंने सांसद का चुनाव जीता और वो फिर से विधायक के रूप में चुनाव लड़ने के लिए राज्य में वापस आ गई हैं। जयपुर के विद्याधर नगर से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद से राज्य में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
डाउन-टू-अर्थ हैं दीया कुमारी
जयपुर के कला पारखी और होटल व्यवसायी टिम्मी कुमार ने दीया कुमारी की तारीफ करते हुए कहा कि “मैंने सुना है कि अभियान के दौरान वो हमेशा ग्रामीणों के साथ दोपहर का भोजन खाती है। इससे पता चलता है कि वह कितनी डाउन-टू-अर्थ हैं। और जयपुर के विद्याधर नगर से टिकट मिलना एक प्लस पॉइंट है क्योंकि मेरा मानना है कि वह वास्तव में इस शहर की परवाह करती है।”
दादी से मिली प्रेरणा
दीया कुमारी ने एक इंटरव्यू में बताया कि “मेरी दादी अपने समय से आगे और एक आइकॉन थीं। वह निश्चित रूप से मेरी प्रेरणा हैं।” जब भी मैंने उनसे बात करने की कोशिश की है, उन्होंने हमेशा मुझे संदेश भेजा है, भले ही वह उस समय व्यस्त थी।”