ऑपरेशन के सिंदूर के दौरान भारत के खिलाफ 28 पाकिस्तान का समर्थन करने वाले देश तुर्की का देशभर में विरोध किया जा रहा है। जोधपुर के ज्वेलर्स ने भी तुर्की की ज्वेलरी जोधपुर में नहीं बेचने का फैसला किया है। ज्वेलर्स ने फैसला किया है कि जब तक तुर्की पाकिस्तान का सहयोग करेगा, तब तक तुर्की में निर्मित आभूषण नहीं खरीदेंगे। न ही वे तुर्की जाएंगे और न ही उसके साथ व्यापार करेंगे। भारत में पिछले कुछ सालों से तुर्की की ज्वेलरी की भारी डिमांड है।
बायकॉट करने का ऐलान
जोधपुर में भी कुछ ज्वेलर्स तुर्की की ज्वैलरी बेचते हैं। जोधपुर में बिकने वाली ज्वेलरी में करीब 5 प्रतिशत तुर्की की बनी ज्वेलरी बिकती है। तुर्की की ज्वेलरी पूरे देश में बिकती है। मुख्य रूप से मुंबई के हॉलसेल ज्वेलर्स देशभर तुर्की की ज्वेलरी बेचते हैं। तुर्की से सभी तरह की प्लेन ज्वेलरी आती है, जो काफी हल्के वजन की होती है।
पाकिस्तान का साथ देने से जोधपुर के व्यापारियों में आक्रोश, नहीं बेचेंगे तुर्किए के आभूषण @news24tvchannel #Jodhpur #turkeyboycott #TurkeyPakistan pic.twitter.com/oRN7mTxZvA
— Deepti Sharma (@DeeptiShar24006) May 16, 2025
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पिछले 6-7 सालों में तुर्की की ज्वेलरी का चलन बढ़ा है। देशहित में एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है कि जोधपुर में तुर्की के गहने अब नहीं बेचेंगे। इसके साथ ही जुलाई के अंत में होने वाली इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी प्रदर्शनी में तुर्की को स्टॉल नहीं देने की मांग भी करते हैं।
मार्बल मंडी ने दे चुका है झटका
इससे पहले उदयपुर की मार्बल मंडी ने तुर्की से बिजनेस रिलेशन तोड़ लिए हैं। एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मंडी उदयपुर के व्यापारी अब तुर्की से कोई मार्बल अब नहीं लेंगे। भारत करीब 14 लाख टन मार्बल तुर्की से मंगवाता है। इन्हीं में सिर्फ उदयपुर का करीब 5 हजार करोड़ का बिजनेस सालाना है। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि वो तुर्की का माल न खरीदें। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स समिति ने इस मामले में पीएम को पत्र देकर तुर्की के खिलाफ लिए फैसले के बारे में बताया है।
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