राजस्थान के अलवर से चौंका देने वाला मामला सामने आया है। जहां दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराने वाली महिला खुद ही पॉक्सो अपराध की दोषी पाई गई। विशिष्ट न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम संख्या-4) हिंमाकनी गौड़ ने आरोपी महिला को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह पूरा मामला तिजारा थाना इलाके का है।
महिला ने अगस्त 2024 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एक नाबालिग लड़का उसके घर में घुसा और उके साथ दुष्कर्म की कोशिश की। उसने यह भी आरोप लगाया था कि पिछले 6 महीने से कई बार उस लड़के ने अलग-अलग जगहों पर उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस जांच में बड़ा खुलासा
रिसर्च ऑफिसर हनुमान सिंह यादव ने बताया कि महिला रिश्ते में लड़के की चाची लगती थी और उम्र में करीब 7-8 साल बड़ी थी। वह लड़के को घर पर बुलाती थी और शारीरिक संबंध बनाती थी। इसके अलावा धमकी देती थी कि अगर मना करेगा तो दुष्कर्म के झूठे केस में फंसा देगी। 6 महीने में दोनों के बीच 832 बार मोबाइल बातचीत भी हुई थी।
इन सब सबूतों के बाद पुलिस ने चार्जशीट महिला के खिलाफ ही दाखिल की। इस मामले मे्ं अभियोजन पक्ष ने 16 गवाह और 26 दस्तावेज अदालत के सामने पेश किए। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने माना कि महिला ने नाबालिग के साथ गंभीर यौन शोषण किया।
गर्भवती थी आरोपी महिला
सबसे बड़ी बात यह है कि गिरफ्तारी के समय महिला गर्भवती थी और जेल में ही उसने बच्चे को जन्म दिया। अब जब अदालत ने सजा सुनाई है, तो महिला अपने 9 माह के बच्चे के साथ ही जेल गई है।
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