जयपुर: कांग्रेस ने राजस्थान के अपने विधायकों की रविवार शाम 7 बजे मुख्यमंत्री निवास पर जयपुर में एक बैठक बुलाई है, इस चर्चा के बीच कि क्या अशोक गहलोत आखिरकार सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने के लिए रास्ता साफ़ कर सकते हैं? लेकिन वर्तमान हालातों को देखते हुए सचिन पायलट की मुख्यमंत्री बनने की राह आसान नहीं रहने वाली हैं। क्योंकि राजस्थान में जिस हिसाब से गहलोत गुट के विधायकों की सक्रियता नजर आ रही है, लगता है कोई बड़ा खेल होने वाला है।
बता दें कि गहलोत के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सचिन पायलट के CM पद की रेस में सबसे आगे होने के अलावा कुछ और चेहरों पर भी चर्चा चल रही है। पायलट के अलावा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। 2008 के चुनाव में महज एक वोट से हार की वजह से मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए सीपी जोशी को गहलोत का भी समर्थन प्राप्त है।
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वहीं सीपी जोशी के अलावा बीडी कल्ला का भी नाम चर्चा में है, जो ब्राह्मणों के जानेमाने नेता हैं। चौथे दावेदार के रूप में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का नाम चल रहा है। जाट समुदाय से आने वाले गोविंद को सीएन बनाकर पार्टी जाटों को साथ सकती है। राजस्थान में 11 लोकसभा सीटों पर जाट अहम भूमिका निभाते हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से ही प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के लिए लॉबिंग शुरू हो चुकी है। हालांकि सचिन पायलट इस पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। लेकिन राजनीति को संभावनाओं का खेल यूं ही नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में कई जानकारों का यह भी कहना है कि अभी से इस संबंध में कोई भी दावा करना मुश्किल है कि राजस्थान की सियासत का ऊंट किस करवट बैठेगा।