मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय ने वसई विरार नगर निगम में हुए करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश किया है। ईडी ने छापा मारक नगर निगम के नगर नियोजन उपनिदेशक वाय. एस. रेड्डी के यहीं से करोड़ों की नकदी सहित हीरे और सोना बरामद किया है। रेड्डी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। हैदराबाद स्थित उनके घर समेत देशभर में 13 ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 30 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई है, जिसमें 8.6 करोड़ की नगदी और 23.25 करोड़ के कीमती जेवर शामिल हैं।
अवैध निर्माण का मामला
ईडी ने बताया कि यह कार्रवाई नालासोपारा में मलजल शोधन केंद्र और डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित 30 एकड़ जमीन पर 41 अवैध रेजिडेंशियल और कमर्शियल इमारतों के निर्माण से जुड़े घोटाले के सिलसिले में की गई। आरोप है कि बिल्डर और स्थानीय दलालों ने मिलकर फर्जी मंजूरी दस्तावेजों के जरिए इस जमीन पर निर्माण कराया और बड़ी संख्या में लोगों को धोखे में रखकर फ्लैट बेच दिए।
ED ने किया पर्दाफाश
बता दें कि जांच में यह सामने आया कि इन अवैध इमारतों के पीछे पूर्व पार्षद सीताराम गुप्ता, अनिल गुप्ता और उनके सहयोगियों का हाथ है, जिन्हें इस घोटाले में वाय. एस. रेड्डी का सहयोग मिला। रेड्डी पूर्व में भी विवादों में रह चुके हैं। अप्रैल 2016 में उन्होंने शिवसेना के एक पार्षद को 25 लाख की रिश्वत देने की कोशिश की थी, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया था। मई 2016 में वाय. एस. रेड्डी को निलंबित कर दिया गया था और अब इस घोटाले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। ED की कार्रवाई ने नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।