---विज्ञापन---

संजय राउत का केंद्र सरकार पर निशाना, पूछा- मणिपुर हिंसा में अगर चीन का हाथ है तो आपने क्या कार्रवाई की?

Manipur Violence: उद्धव ठाकरे गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मणिपुर के मुख्यमंत्री के बयान को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अगर मणिपुर की हिंसा पूर्व नियोजित है तो केंद्र सरकार, राज्यपाल, मुख्यमंत्री आपके हैं। यह (हिंसा) पूर्व नियोजित किसने की? मणिपुर की हिंसा में […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Jul 2, 2023 13:54
Share :
Manipur violence, sanjay raut, Manipur violence death toll, Manipur crisis, shivsena,

Manipur Violence: उद्धव ठाकरे गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मणिपुर के मुख्यमंत्री के बयान को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अगर मणिपुर की हिंसा पूर्व नियोजित है तो केंद्र सरकार, राज्यपाल, मुख्यमंत्री आपके हैं। यह (हिंसा) पूर्व नियोजित किसने की? मणिपुर की हिंसा में चीन का हाथ है। आपने चीन को क्या सबक सिखाया? मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए।

संजय राउत ने कहा कि भाजपा केंद्र और पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता में है, जहां 3 मई से जातीय हिंसा देखी गई है। उन्होंने पूछा कि हिंसा की पूर्व योजना किसने बनाई। संजय राउत ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि चीन मणिपुर हिंसा में शामिल है। आपने क्या कार्रवाई की है? 50 दिनों से अधिक समय से हिंसा जारी है, लोग घर छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे हैं।

---विज्ञापन---

मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के बयान के बाद संजय राउत ने उठाया सवाल

संजय राउत का ये बयान बीरेन सिंह की ओर से राज्य में 50 दिनों से अधिक समय से चली आ रही हिंसा में विदेशी हाथ के शामिल होने का संकेत देने के कुछ घंटों बाद आया। राउत ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, “उन्हें (बीरेन सिंह) इस्तीफा दे देना चाहिए और वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।”

बता दें कि बीरेन सिंह ने शनिवार को न्यूज एजेंसी ANI से इंटरव्यू में राज्य में जारी हिंसा में विदेशी हाथ होने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि जातीय हिंसा में बाहरी ताकतों या तत्वों का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि ये पूर्व नियोजित लग रहा है।

मणिपुर के सीएम ने कहा कि राज्य की सीमा म्यांमार के साथ लगती है। चीन भी पास में है। हमारी 398 किलोमीटर की सीमाएं असुरक्षित हैं। हमारी सीमाओं पर सुरक्षा बल तैनात हैं लेकिन मजबूत और व्यापक सुरक्षा तैनाती भी इतने बड़े क्षेत्र को कवर नहीं कर सकती है। हालांकि, जो हो रहा है उसे देखते हुए हम न तो इनकार कर सकते हैं और न ही दृढ़ता से पुष्टि कर सकते हैं… यह पूर्व नियोजित लगता है लेकिन कारण स्पष्ट नहीं है।”

बता दें कि मेतैई को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) की ओर से आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़की थी। राज्य में अब तक 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल हैं।

HISTORY

Edited By

Om Pratap

First published on: Jul 02, 2023 01:54 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें