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राज ठाकरे ने विधानसभा चुनाव परिणाम पर उठाए सवाल, जानें क्यों कहा- चुनाव न लड़ना ही ठीक है

State Level Conference In Worli: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने वर्ली में राज्यस्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर बीजेपी पर निशाना साधा।

Reported By : Rahul Pandey | Edited By : Deepti Sharma | Updated: Jan 30, 2025 15:36
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मनसे प्रमुख राज ठाकरे
मनसे प्रमुख राज ठाकरे

State Level Conference In Worli: महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में हलचल मचाने वाले राज ठाकरे ने चुनाव के बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है और कई जरूरी मुद्दों पर खुलकर अपनी राय व्यक्त की है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने वर्ली में पार्टी के राज्यस्तरीय सम्मेलन को संबोधित किया है। राज ने सम्मेलन के जरिए भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर लिया है। इस दौरान राज ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि चुनाव परिणाम के बाद कुछ चीजों पर विश्वास बैठ ही नहीं रहा है। विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राज्य में अलग ही तरह का सन्नाटा पसरा था, ऐसा सन्नाटा कभी नहीं देखा। रिजल्ट के बाद जीते हुए कई लोगों ने मुझे फोन किया, उन्हें भी अपनी जीत पर भरोसा नहीं हो रहा था।

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हमें वोट मिला, लेकिन हमारे तक पहुंचा नहीं

वर्ली में पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि लोगों ने हमें वोट दिया है, लेकिन हमारे तक नहीं पहुंचा, गायब हो गया। अगर ऐसा होता है, तो चुनाव न लड़ना ही ठीक है। कल्याण ग्रामीण सीट पर हमारे पार्टी के उम्मीदवार राजू पाटिल को उनके ही गांव में एक भी वोट नहीं मिला, जो वहां से विधायक रह चुके हैं। ऐसी अन्य कई चीजें हैं जिन पर विश्वास नहीं हो रहा है। लोगों में भी विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर संभ्रम है।

कांग्रेस के 13 सांसद, लेकिन विधायक सिर्फ 15

विधानसभा चुनाव के नतीजों पर सवाल खड़े करते हुए राज ठाकरे ने कहा है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सिर्फ 4 महीने का अंतर था। चार महीने में लोगों का मन इतना कैसे परिवर्तित हो सकता है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 13 सांसद चुनकर आए, लेकिन विधानसभा में सिर्फ 15 सीटें आई हैं।

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शरद पवार के 8 सांसद हैं, लेकिन विधायक सिर्फ 10 हैं। विधानसभा चुनाव से पहले लग रहा था कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के 4 से 5 विधायक चुनकर आएंगे। उन्हें सिर्फ 42 सीटें मिली हैं। 7 बार से चुनाव जीतकर आ रहे बालासाहेब थोरात 10 हजार वोट से चुनाव हार जाते हैं। जो जीतकर आए भी हैं, उन्हें भरोसा नहीं हो रहा है।

नेताओं ने अपनी भूमिका बदली

मनसे प्रमुख ने पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने जो काम किए हैं, आंदोलन किया है और उसे लोगों तक पहुंचाने का कीजिए। नेताओं ने अपने-अपने निजी स्वार्थ के लिए अपना स्टैंड बदला है। मैंने कभी निजी स्वार्थ के लिए अपनी भूमिका नहीं बदली है। भाजपा ने भी अपनी भूमिका बदली, जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती को समर्थन देकर सरकार बनाई।

आरोप लगाया था कि ईडी पीछे लगी है और इसके लिए समर्थन दिया। मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की शपथ लेकर सत्य स्थिति कहता हूं, हम 2008 में कोहिनूर डील से बाहर निकले थे। तब के हमारे एक तत्कालीन पार्टनर ने टैक्स नहीं भरा। भाजपा ने जिन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, उन्हें ही साथ लेकर मंत्री पद दिया। अजित पवार, अशोक चव्हाण पर भ्रष्टाचार का आरोप है, लेकिन फिर उन्हें साथ लिया। हिमंत बिस्वा शर्मा पर आरोप लगाया, लेकिन बाद में उन्हें पार्टी में लेकर सीएम बनाया गया।

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Edited By

Deepti Sharma

Reported By

Rahul Pandey

First published on: Jan 30, 2025 03:36 PM

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