Maharashtra Politics Bombay High Court Notice To Speaker Rahul Narwekar: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर और विधानमंडल सचिवालय को नोटिस जारी किया। इस याचिका में उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को अयोग्य न ठहराने के नार्वेकर के आदेश को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोस पूनीवाला की खंडपीठ ने सभी से अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई अब आठ फरवरी को होगी।
भरत गोगावले ने दायर की याचिका
शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने यह याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने स्पीकर के आदेश को कानून के तहत रद्द करने और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सभी 14 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है। यह याचिका 12 जनवरी को दायर की गई।
Shiv Sena MLAs' disqualification case | Maharashtra Assembly speaker Rahul Narwekar says, "Also in my view, the 2018 leadership structure (submitted with ECI) was not as per the Shiv Sena Constitution. Shiv Sena party chief as per the party Constitution can not remove anyone from… pic.twitter.com/ts92LnyUUt
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) January 10, 2024
ठाकरे गुट ने व्हिप का किया उल्लंघन
गोगावले ने कहा कि उन्होंने तीन जुलाई 2022 को सभी शिवसेना सदस्यों को चार जुलाई को विधानसभा में होने वाले विश्वास प्रस्ताव के दौरान शिंदे सरकार के पक्ष में वोट करने के लिए व्हिप जारी किया था। शिवसेना (यूबीटी) विधायकों ने न केवल व्हिप का उल्लंघन किया बल्कि स्वेच्छा से शिवसेना की सदस्यता भी छोड़ दी। भरत गोगावले ने यह भी कहा कि स्पीकर इस बात पर विचार करने में नाकाम रहे कि ठाकरे समूह के विधायकों ने पार्टी छोड़ने के अलावा सत्तारूढ़ सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर शिवसेना सरकार के खिलाफ मतदान भी किया।
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ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
दूसरी तरफ, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भी 15 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की। इस याचिका में जून 2022 में विभाजन के शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को वास्तविक शिवसेना घोषित करने के स्पीकर के आदेश को चुनौती दी गई है। स्पीकर ने शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की उद्धव ठाकरे गुट की याचिका भी खारिज कर दी थी।
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