Maharashtra local body elections: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान कुछ स्थानों पर हल्का तनाव देखने को मिला, लेकिन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि “कुल मिलाकर चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुए हैं.” उन्होंने बताया कि स्थानीय निकाय चुनाव मूल रूप से कार्यकर्ताओं का चुनाव होता है, इसलिए बीजेपी–शिंदे गुट ने अपने कार्यकर्ताओं को स्थानीय स्तर पर गठबंधन करने की पूर्ण छूट दी थी. फडणवीस ने दावा किया कि महायुति इस चुनाव में करीब 75% सीटें जीतने जा रही है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वोटों की गिनती आगे बढ़ाए जाने पर असंतोष जताया.
कोर्ट ने पहले 3 दिसंबर होने वाली काउंटिंग को बढ़ाकर अब 21 दिसंबर तक कर दिया है. इस पर टिप्पणी करते हुए फडणवीस बोले-“कोर्ट और चुनाव आयोग स्वायत्त संस्थाएं हैं, इसलिए उनके फैसलों पर ज्यादा कहना उचित नहीं, लेकिन जिस तरह का निर्णय आया है, वह मुझे व्यक्तिगत तौर पर पसंद नहीं है.”
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— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) December 3, 2025
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EVM मशीनों पर अभी से लगा दो कार्यकर्ता
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष पर हमला करते हुए पहले से ही चेतावनी दी कि “मैं विपक्ष से कहूंगा कि जहां EVM मशीनें रखी हैं, वहां वे अपने दो कार्यकर्ता खड़े करें. क्योंकि जैसे ही नतीजे हमारे पक्ष में आएंगे, विपक्ष फिर आरोप लगाने लगेगा कि हमने कुछ गड़बड़ की है.” फडणवीस के इन बयानों से स्पष्ट है कि महाराष्ट्र की राजनीति में स्थानीय निकाय चुनाव ने एक बार फिर सियासी तापमान बढ़ा दिया है.
महाराष्ट्र चुनाव आयोग से खफा हुए थे सीएम
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव के तीन दिसंबर को घोषित होने वाले नतीजों की तारीख बदलकर 21 दिसंबर कर दिया है, जिसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मेरे इतने सालों के राजनीतिक अनुभव में मैं पहली बार इस तरह की बात देख रहा हूं, चुनाव हो चुका है, लेकिन नतीजे इतने लंबे समय बाद आएंगे,अदालती दखल के कारण नतीजों को टालना लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप नहीं है,उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें राजनीति में गहरी पैठ रखती हैं,लेकिन कई उम्मीदवार और कार्यकर्ता इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित होंगे.
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