---विज्ञापन---

मक्का से मंगवाई ईंटों से अयोध्या में बनेगी मस्जिद, मुंबई पहुंची पहली ईंट; जल्द शुरू होगा निर्माण

Ayodhya Mosque: अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के लिए पहली ईंट मक्का और मदीना से मुंबई पहुंच गई है। इसे 12 मार्च के बाद धन्नीपुर ले जाया जाएगा।

Edited By : Achyut Kumar | Updated: Feb 7, 2024 18:08
Share :
Ayodhya Mosque Foundation's First Brick From Mecca
अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के लिए मक्का से मुंबई पहुंची पहली ईंट

Ayodhya Mosque Foundation First Brick Arrives In Mumbai From Macca: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन के बाद अब मस्जिद के निर्माण का काम भी जोर पकड़ने लगा है। श्री राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुसलमानों को मुआवजे के तौर पर दी गई जमीन पर नई मस्जिद के लिए पहली ईंट मक्का और मदीना से मुंबई लाई गई है। इस ईंट को मुंबई के एक भट्टे में पकाया गया था, जिसके बाद पांच लोग इसे लेकर मक्का और मदीना गए थे। पिछले हफ्ते इसे वापस मुंबई लाया गया।

काली मिट्टी से बनाई गई ईंट

---विज्ञापन---

ईंट को काली मिट्टी से बनाया गया है। इस पर मस्जिद का नाम और कुरान के कुश अंश अंकित हैं। ईंट को 12 मार्च को रमजान ईद के बाद मस्जिद स्थल के पास धन्नीपुर गांव में ले जाया जाएगा। पीर या पवित्र पुरुष एक भव्य जुलूस में पैदल चलकर कुर्ला से पूर्वी तट पर मुंबई के आखिरी उपनगर मुलुंड तक ईंट को ले जाएंगे। इसके बाद ईंट सड़क मार्ग से लखनऊ और धन्नीपुर पहुंचेगी।

 

हर 300 किलोमीटर यात्रा पर होगा ब्रेक

मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्ला विकास समिति के अध्यक्ष और इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सदस्य हाजी अराफात शेख ने कहा कि़ प्रार्थना के लिए हर 300 किलोमीटर पर यात्रा में एक ब्रेक होगा। उन्होंने कहा कि ईंट को पैदल या किसी वाहन से ले जाना अभी भी तय होना बाकी है।

जम जम झरने के पवित्र जल से ईंट को धोया गया

शेख ने कहा कि ईंट को मक्का के पास ज़म ज़म झरने के पवित्र जल और मदीना में इत्र से धोया गया है। उन्होंने बताया कि नई मस्जिद को पैगंबर के नाम पर मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्ला कहा जाएगा। सूफी संत सरकार पीर आदिल के वंशज, जिनकी कब्र कर्नाटक के बीजापुर (विजयपुरा) में गोल गुंबद के पास है, पहली ईंट उठाएंगे।

मस्जिद में होंगी पांच मीनारें

मस्जिद के निर्माण की देखरेख करने वाली नई संस्था ने संरचना के पुराने डिजाइनों को हटा दिया है। अब वह पारंपरिक शैली में मस्जिद का निर्माण करेगी। बाबरी मस्जिद से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित मस्जिद में पांच मीनारें होंगी, जो इस्लाम के पांच स्तंभों कलमा (शपथ), नमाज (प्रार्थना), हज (मक्का की तीर्थयात्रा), जकात (दान) और रोजा (उपवास) का प्रतिनिधित्व करेंगी।

29 फरवरी को नई वेबसाइट का होगा उद्घाटन

मस्जिद समिति ने कहा कि मस्जिद के लिए एक नई वेबसाइट का उद्घाटन 29 फरवरी को किया जाएगा। पोर्टल में क्यूआर कोड की सुविधा होगी, जिसका उपयोग निर्माण के लिए दान करने के लिए किया जा सकता है। शेख ने कहा कि मस्जिद परिसर के हिस्से के रूप में कई परियोजनाओं की योजना बनाई गई है- जैसे कैंसर अस्पताल, कॉलेज, वृद्धाश्रम और शाकाहारी रसोई। दानकर्ता उस परियोजना का चयन करने में सक्षम होंगे, जिसके लिए वे दान करना चाहते हैं। क्यूआर कोड से दान के प्रबंधन में पूरी पारदर्शिता होगी।

यह भी पढ़ें: ज्ञानवापी मस्जिद की ASI रिपोर्ट पर मुस्लिम पक्ष का आया बयान, हिंदू मंदिर होने की बात पर क्या कहा?

सुनी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मिली मस्जिद निर्माण की जिम्मेदारी

गौरतलब है कि 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पांच एकड़ का पूरा भूखंड, जहां बाबरी मस्जिद स्थित थी, हिंदू याचिकाकर्ताओं को दे दिया गया। कोर्ट ने मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का भी आदेश दिया।  वहीं,  सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन बाद में देरी के चलते  उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड ने मस्जिद निर्माण की जिम्मेदारी नई समिति को सौंप दी।

यह भी पढ़ें: ‘काशी, मथुरा को छोड़ दो, दूसरी मस्जिदों के पीछे नहीं जाएंगे हिंदू’, गोविंद देव गिरी महाराज ने मुस्लिम पक्ष को बताया उपाय

 

HISTORY

Edited By

Achyut Kumar

First published on: Feb 07, 2024 06:07 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें